सरकार ने की तय कीमत पर उत्‍पाद खरीदने की अपील

ऊर्जा से जुड़े उत्‍पादों पर प्रत्‍यक्ष कर जीएसटी के लागू होने के बाद कम हो गया है। इसकी सीधा असर पर एलईडी और इस तरह के उन तमाम उत्‍पादों पर देखने को मिलेगा जो मध्‍यमवर्गीय लोगों से जुड़े हैं। जीएसटी की वजह से जो एक बड़ी राहत की बात आम उपभोक्‍ता के लिए है वह है एलईडी बल्‍बों की कीमतों में गिरावट आना। केंद्र सरकार की उजाला स्‍कीम के तहत आसान एलईडी और दूसरे अप्‍लायंसेज जो लोगों को वितरित किए जाते हैं उन सभी की कीमतों में जीएसटी की वजह से कमी आएगी।

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नौ वॉट का एलईडी बल्‍ब जो जीएसटी से पहले 310 रुपए का आता था, अब 70 रुपए का हो गया है। इसी तरह से 20 वॉट की एलईडी ट्यूबलाइट की कीमत 220 रुपए और फाइव स्‍टार रेटिंग वाले पंखों की कीमत सिर्फ 1200 रुपए ही होगी। कीमतों को फिर से तस करने के बाद केंद्र सरकार ने उपभोक्‍ताओं से अपील की है कि वे इन नई कीमतों से ज्‍यादा कीमत हरगिज न अदा करें क्‍योंकि उजाला स्‍कीम के तहत इन सभी उत्‍पादों कीमत पहले से तय की जा चुकी है। अब तक उजाला स्‍कीम के तहत 7.5 करोड़ घरो को कवर किया जा चुका है। 18 अक्‍टूबर 2018 तक स्‍कीम के तहत 31,03,69,218 एलईडी वितरित किए जा चुके हैं।

साल 2015 में लॉन्‍च हुई थी स्‍कीम

उजाला स्‍कीम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से पांच जनवरी 2015 को लॉन्‍च किया गया था। इसके स्‍कीम में 77 करोड़ पारंपरिक बल्‍बों को ऊर्जा बचाने वाले एलईडी बल्‍बों से बदलने का लक्ष्‍य तय किया गया था। एलईडी के वितरण से अब तक 3,244 करोड़ किलोवॉट से ज्‍यादा की ऊर्जा की बचत हर वर्ष की जा चुकी है। सिर्फ इतना ही नहीं हर वर्ष बिजली के बिल में भी 12,693 करोड़ रुपए की बचत हो रही है। साथ ही साथ एलईडी बल्‍बों के प्रयोग ने हर वर्ष 2.62 करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्‍साइड की कमी भी आई है।