सरकार की सौभाग्य योजना: 11 दिन में देश का हर घर होगा बिजली से रोशन!

केंद्र सरकार का कहना है कि देश के हर घर में जनवरी के अंत तक बिजली की पहुंच सुनिश्चित हो जाएगी. इसके लिए सरकार द्वारा शुरू की गई सौभाग्य योजना के तहत 2.44 करोड़ परिवारों को बिजली कनेक्शन मिल चुका है. कुल लक्ष्य 2.48 करोड़ परिवारों तक बिजली पहुंचाने का है. सरकार ने प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) का शुभारंभ सितंबर, 2017 में किया था. इसका बजट 16,320 करोड़ रुपये है. एक अधिकारी ने बताया, ‘सौभाग्य योजना के तहत तय किए गए 100 प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण के लक्ष्य को इस माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा. आज की तारीख तक इसके तहत 2.44 करोड़ परिवारों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया जा चुका है.

अधिकारी ने कहा कि हर रोज 30,000 परिवारों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है. इस प्रकार बचे हुए करीब चार लाख परिवारों को इस माह के अंत तक बिजली कनेक्शन उपलब्ध हो जाएगा. देश के 100 प्रतिशत घरों तक बिजली पहुंचाना, वर्तमान सरकार का एक अहम लक्ष्य था. हालांकि, इसे तय दिसंबर, 2018 की समय सीमा में पूरा नहीं किया जा सका लेकिन इसके इस माह के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. केंद्रीय बिजली मंत्री आर.के. सिंह की अध्यक्षता में जुलाई, 2018 में राज्यों के बिजली मंत्रियों की शिमला में बैठक हुई. तब सौभाग्य योजना को 31 मार्च, 2019 के वास्तविक लक्ष्य की बजाय 31 दिसंबर, 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया.

अधिकारी के अनुसार कुछ राज्यों में चुनाव और माओवादी समस्या के चलते काम की रफ्तार धीमी पड़ी है. जबकि कुछ राज्यों में ठेकेदारों से जुड़े मुद्दे सामने आए. सौभाग्य की वेबसाइट के अनुसार चार राज्यों के करीब 3.58 लाख परिवारों तक बिजली पहुंचाने का काम शेष बचा है. इसमें असम के 1,63,016, राजस्थान के 88,219, मेघालय के 86,317 और छत्तीसगढ़ के 20,293 परिवार बचे हैं. सौभाग्य योजना का लक्ष्य शहरी और ग्रामीण इलाकों में बचे हुए हर परिवार तक बिजली कनेक्शन पहुंचाना है.

गौरतलब है कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को कहा था कि देश की आजादी के 67 वर्ष बाद उनकी सरकार ने सिर्फ चार वर्ष में तीस लाख परिवारों तक बिजली पहुंचाई है जिससे लोगों की जिन्दगी में परिवर्तन आया है. दास ने कहा था कि आजादी के बाद 67 वर्षों में झारखंड के 68 लाख परिवारों में से महज 38 लाख परिवारों तक ही बिजली पहुंचायी जा सकी थी लेकिन उनकी सरकार ने शेष सभी तीस लाख परिवारों को सिर्फ चार वर्ष के शासनकाल में विद्युत आपूर्ति कर दी. उन्होंने कहा कि राज्य में विद्युत आपूर्ति में बड़ी कठिनाइयां थीं क्योंकि यहां वास्तव में 114 ग्रिड की आवश्यकता थी लेकिन यहां सिर्फ 38 ग्रिड थीं.