सरकार की तमाम स्कीमो के बावजूद जानिये आखिर क्यों फेल हो गए इलेक्ट्रिक वाहन

इलेक्ट्रिक वाहन ही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का भविष्य हैं ये बात सभी को मालूम है लेकिन इन वाहनों की बिक्री उस तरह से नहीं बढ़ रही है जैसी उम्मीद की जा रही है. ये आलम तब है जब सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए तरह -तरह की स्कीम निकाल रही है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक पहली तिमाही में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में गिरावट आई है. इसकी एक वजह सरकार की योजनाओं का फायदा पूरी तरह से लोगों तक न पहुंचना होने कि सम्भावना है. दरअसल समाचार के मुताबिक सरकार की सब्सिडी का लाभ केवल पांच इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को ही मिल पा रहा है.

सरकार इस वर्ष एक अप्रैल से प्रारम्भ हुई फास्टर अडप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिकल व्हीकल ऑफ इंडिया यानी फेम 2( Fame 2 ) योजना के तहत सरकार सब्सिडी के लिए 10 हजार करोड़ रुपये जारी कर चुकी है. इस योजना के तहत अथर एनर्जी, एम्पीयर, ओकिनावा, जितेंद्र इलेक्ट्रिक व्हीकल्स  हीरो इलेक्ट्रिक समेत पांच वाहन दोपहिया वाहन निर्माताओं को ही फेम-2 सब्सिडी स्कीम के तहत योग्यता प्रमाणपत्र मिला है. यानि बाकी कंपनियां जो इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स बनाती है उनको सरकार की इस योजना का फायदा नहीं मिलता  यही वजह है कि फेम-2 योजना की पहली तिमाही में केवल 1700 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 30 हजार यूनिट्स की बिक्री हुई थी.

पहले चरण में 18 कंपनियों को मिली थी सहायता –

फेम इंडिया स्कीम के पहले चरण में 18 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माताओं को शामिल किया गया था । इन कंपनियों के 88 मॉडल्स को ही सब्सिडी के तहत बेचने की अनुमति मिली थी, लेकिन दूसरे चरण में तय हुए नए मानकों पर ये वाहन खरे नहीं उतरते यही वजह है कि इन्हें सरकार से वित्तीय मदद मिलनी बंद हो गई.

ये हैं मुख्य शर्ते-

लिथियम-आयन बैटरी है महत्वपूर्ण –

फेम इंडिया योजना में शामिल होने के लिए अहम शर्त है कि दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता अपनी गाड़ियों में 50 प्रतिशत स्वदेशी पुर्जे लगाए  किसी व्हीकल टेस्टिंग एजेंसी से उसे प्रमाण लेटर हासिल हो. ववहीं यह फायदे उन्हीं को मिलेंगे, जिनमें लिथियम-आयन बैटरियां लगी होंगी. लेकिन हमारे देश में सिर्फ दो या तीन निर्माता ही ऐसे हैं, जो लिथियम-आयन बैटरी बना रहे हैं. हीरो इलेक्ट्रिक के चीफ एग्जीक्यूटिव सोहिन्दर गिल ने भी ये बात मानी है.

इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर प्रति किलोवॉट kWh बैटरी पर 10 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती है. अनुमान के मुताबिक मार्च 2022 तक फेम इंडिया योजना के तहत 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर 2 हजार करोड़ रुपये सब्सिडी के तौर पर दिए जाएंगे.