सबरीमाला जाएंगी ये 2 महिला पत्रकार

केरल के सबरीमाला मंदिर में दूसरे दिन भी महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है। कल मंदिर के कपाट खुलने के बाद भी कोई रजोधर्म वाली महिला इस मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई है। इसके भीच एक महिला पत्रकार ने मंदिर में जाने की भरसक प्रयास किए हालांकि भारी विरोध प्रदर्शन के बीच उसे वापस लौटना पड़ा।

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पहले दो महिला रिपोर्टर्स ने पुलिस अधिकारियों से मिलकर गुज़ारिश की कि वो मंदिर में जाकर रिपोर्टिंग करना चाहती है। लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उन्हें मना कर दिया। बाद में उन्होंने आईजी पुलिस से मुलाकात की। आईजी पुलिस उन्हें सुरक्षा देने को तैयार हो गए। उन्होंने कहा कि सुबह 6 बजे इसके लिए निकलना होगा। महिलाएं सुबह ही सबरीमाला मंदिर के लिए रवाना हो गई हैं। करीब 150 पुलिस वाले उनकी सुरक्षा कर रहे हैं।

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 10-50 साल की आयु के बीच कोई महिला यहां प्रवेश नहीं करेगी। हम सबरीमाला की रक्षा कर रहे हैं।

वहां के लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का मुद्दा सही है कि महिलाओं और पुरुषों का समान अधिकार है। लेकिन यहां कुछ संस्कृति चल रही है कि मंदिर में 10-50 साल की आयु वर्ग में महिलाओं को अनुमति नहीं है। यह हमारा रिवाज है। हमें अपने रीति-रिवाजों का पालन करना चाहिए क्योंकि भारत परंपराओं को मानने वाला देश है।

बीजेपी समेत कई राजनीतिक और गैरराजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया है। इसके चलते राज्य में तनाव के हालात बने हुए हैं। देश के निल्लकल, पंपा, एल्वाकुलम, सन्निधनम में धारा-144 लागू कर दी गई है। इस इलाके में एकसाथ चार से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते हैं।

बुधवार को मंदिर के पास काफी बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित हुई। जिसके बाद बड़ी संख्या में महिलाएं मंदिर में प्रवेश के लिए जा रही थीं, तो वहीं हजारों की संख्या में श्रद्धालु उन्हें रोकने की कोशिश में लगे हुए हैं। प्रदर्शन अब धीरे-धीरे हिंसक रूप लेता जा रहा है। इस मामले को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक सबरीमाला मंदिर में बुधवार को 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं ने ही प्रवेश किया था। सुरक्षा कारणों के चलते 10-50 साल की उम्र के बीच की महिलाएं मंदिर तक नहीं पहुंच सकीं।