सचिन तेंदुलकर ने अपना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट डेब्यू इमरान खान की कप्तानी वाली पाक टीम के विरूद्ध 1989 में किया था.
हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं हिंदुस्तानके लिए खेलने से दो वर्ष पहले एक अंतर्राष्ट्रीय मैच में वे पाक की तरफ से मैदान में उतरे थे. वो भी एक सब्सटीट्यूट फील्डर के तौर पर. हालांकि, उस वाकये को कभी आधिकारिक तौर पर रिकॉर्ड बुकमें शामिल नहीं किया गया.
क्रिकेट में अब तक तीन ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जो हिंदुस्तान व पाक दोनों टीमों के लिए खेल चुके हैं. इनमें अब्दुल हफीज करदार, आमिर इलाही व गुल मोहम्मद शामिल हैं. हालांकि, यह सभी खिलाड़ी बंटवारे के बाद ही पाकिस्तान टीम में शामिल हुए थे.
सचिन ने बायोग्राफी में किया था जिक्र
सचिन ने बायोग्राफी ‘प्लेइंग ईट माई वे’ में इस घटना का जिक्र करते हुए बताया है कि मैंने एक दोस्त से शिकायत की थी कि अगर मुझे लॉन्ग ऑन की स्थान मिड ऑन में फील्डिंग कराई जाती, तो शायद उनके पास एक कैच पकड़ने का मौका होता. सचिन ने किताब में लिखा- “मुझे नहीं पता कि इमरान खान को याद होगा या यह पता भी होगा कि मैंने एक बार पाकिस्तानी टीम के लिए फील्डिंग की है.”
क्यों सचिन को पाकिस्तान के लिए फील्डिंग करनी पड़ी?
20 जनवरी 1987 को क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई) के 50 वर्ष (गोल्डन जुबली) सारे होने पर मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में हिंदुस्तान व पाक के बीच प्रदर्शनी मैच रखा गया था.यह पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले 40-40 ओवर का मैच था. हिंदुस्तान की बल्लेबाजी के दौरान लंच में जावेद मियांदाद व अब्दुल कादिर ने फील्ड छोड़ दी. लेकिन पाक के पास भी सब्सटीट्यूट खिलाड़ी का विकल्प नहीं था. ऐसे में करीब 14 वर्ष के रहे सचिन को अतिथि टीम की तरफ से फील्ड पर उतरने का मौका मिल गया.
1. अब्दुल हाफिज करदार:अब्दुल हाफिज को पाकिस्तानी क्रिकेट के पिता क्रिकेटरों में से एक के तौर पर जाना जाता है. हालांकि, लाहौर में जन्में हाफिज ने अपने करियर की आरंभपाकिस्तान के बनने से कई वर्ष पहले भारतीय टीम के लिए की थी. वे 1946 में इंग्लैंड का दौरा करने वाली भारतीय टीम का भी भाग थे. हिंदुस्तान के लिए उन्होंने कुल तीन टेस्ट खेले.बंटवारे के बाद उन्होंने पाकिस्तान के लिए 23 टेस्ट किए थे. हाफिज ने बाद में पाकिस्तान की पॉलिटिक्स में भी हाथ आजमाया व स्विट्जरलैंड में पाक के राजदूत की जिम्मेदारी निभाई. इससे पहले वे 1972 से लेकर 1977 तक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सिलेक्शन चेयरमैन भी रहे थे.
2. आमिर इलाही:आमिर इलाही ने करियर में सिर्फ 6 टेस्ट खेले. लेकिन वे दो राष्ट्रों के लिए खेलने वाले कुल 12 क्रिकेटरों में से सबसे उम्रदराज 20 खिलाड़ियों में से एक रहे. उन्होंने अपना एक मैच हिंदुस्तान के लिए 1947 में ऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध सिडनी में खेला था. बंटवारे के बाद उन्होंने पाकिस्तान की तरफ से हिंदुस्तान के विरूद्ध पांच टेस्ट खेले. उनके करियर की सबसे खास पारी मद्रास में हिंदुस्तान के विरूद्ध खेली थी. आखिरी विकेट के लिए उन्होंने जुल्फिकार अहमद के साथ 104 रन की साझेदारी की थी. इसमें आमिर के 47 रन थे.
3. गुल मोहम्मद:अपने करियर में 9 टेस्ट खेलने वाले गुल मोहम्मद ने आठ मैच हिंदुस्तान के लिए खेले. गुल 1946 में इंग्लैंड व 1947-48 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाली भारतीय टीम में शामिल थे. 1955 में पाक की नागरिकता लेने के बाद उन्हें एक मैच पाक की तरफ से खेलने का मौका मिला. बाद में गुल ने क्रिकेट प्रशासन में शामिल हुए व 1987 तक लाहौर स्थित गद्दाफी स्टेडियम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर रहे.