सऊदी अरब से छह अरब डॉलर का राहत पैकेज मिलने के बावजूद पाक ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से सहायता का विचार छोड़ा नहीं है। अधिकारियों ने बुधवार को बोला कि नकदी संकट से जूझ रहे राष्ट्र के विदेशी मुद्रा भंडार पर बहुत ज्यादा दबाव है। पाक के पीएम इमरान खान ने इससे पहले इसी महीने वित्त मंत्री असद उमर को आईएमएफ से राहत पैकेज के लिए बात करने की अनुमति दी थी, क्योंकि वह (पाकिस्तान) अपने मित्र राष्ट्रों से महत्वपूर्ण सहायता पाने में विफल रहा था।
सोमवार को इमरान खान रियाद रवाना हुए। वह सऊदी अरब प्रायोजित अंतर्राष्ट्रीय निवेश आर्थिक मंच में भाग लेने रियाद गए थे। इससे स्थिति बदल गई। खान की सऊदी शाह सलमान व युवराज मोहम्मद बिन सलमान के साथ मीटिंग के बाद सऊदी अरब ने पाक को छह अरब डॉलर की मदद देने की सहमति दी। इसमें तीन अरब डॉलर भुगतान संतुलन के समर्थन व तीन अरब डॉलर कच्चे ऑयल के आयात के लिए दिए जाएंगे। इस तीन अरब डॉलर के कर्ज को चुकाने के लिए पाक को अलावा समय मिलेगा।
पाकिस्तान में शेयर बाजारों में तेजी व डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होने के बाद यह सवाल किया जा रहा है कि क्या पाक को आईएमएफ के पैकेज की अब आवश्यकता रह गई है।वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बोला कि पाक को चालू वित्त साल में आयात व विदेशी कर्ज के भुगतान के लिए 10 अरब डॉलर की आवश्यकता है। सूत्रों ने बताया कि आईएमएफ से मदद लेने का विचार अभी मेज पर ही है व इस बारे में बातचीत नवंबर के पहले हफ्ते में होगी। सूत्रों ने बोला कि सऊदी अरब से मदद मिलने के बाद अब आईएमएफ के साथ वार्ता में पाक की मोलभाव करने की क्षमता बढ़ेगी। इससे पहले अधिकारियों ने बोला था कि पाक आईएमएफ से करीब आठ अरब डॉलर की मदद मांगेगा। यह पाक के लिए आईएमएफ का अब तक का सबसे बड़ा खज़ाना होगा।