संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की भारत की कोशिशों में हर बार लगा ये रोड़ा

चीन ने पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की भारत की कोशिशों में हर बार रोड़ा अटकाने के अपने प्रयासों का एक बार फिर बचाव किया है। उसने सफाई दी कि इस मसले पर ‘सीधे तौर से जुड़े’ भारत और पाक के साथ-साथ सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के बीच ‘आमराय’ नहीं है।

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चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपना बचाव करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के दो सदस्य देश भारत और पाक में से एक उसे आतंकी मानता है और दूसरा नहीं। जबकि बीजिंग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि चीन इस मुद्दे पर पाक के राजी होने पर ही भारत का समर्थन करेगा। बता दें कि मसूद अजहर 2016 में कश्मीर के उरी सैन्य अड्डे पर हमले समेत भारत में कई आतंकी हमलों का आरोपी है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार प्राप्त स्थायी सदस्य देशों में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस भारत के समर्थन में हैं जबकि चीन लगातार इस मामले में भारतीय प्रयासों का वीटो करता रहा है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिकी थिंक टैंक काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस के एक कार्यक्रम में कहा, ‘यदि सभी पक्ष आम सहमति पर पहुंच जाते हैं तो हम इसका समर्थन करेंगे लेकिन जो भी पक्ष इससे सीधे संबंधित हैं वे आम राय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं जिनमें भारत-पाक खासतौर पर शामिल हैं।

उन्होंने सफाई दी कि अगर प्रत्यक्ष रूप से संबंधित पक्ष आमराय बनाने में सक्षम हैं तो हम एक साथ मिलकर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे। वांग यी ने कहा कि यह आगे बढ़ने का सही तरीका है और हम इस मुद्दे पर भारत के साथ करीबी संपर्क बनाए रखेंगे क्योंकि हमारे भारत से भी अच्छे रिश्ते हैं।

पर्याप्त साक्ष्य न होने का दिया हवाला

बता दें कि आतंकी गुटों की पनाहगाह पाक में अजहर मसूद ने ही जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की थी और इस संगठन को पहले ही संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित आतंकी सूची में रखा जा चुका है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें वार्षिक सत्र में भाग लेने न्यायॉर्क गए चीनी विदेश मंत्री इससे इत्तेफाक नहीं रखते। उनका दावा है कि मसूद के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं, क्योंकि यदि ऐसा होता तो पाक उसे झुठलाता नहीं।

पाक की तारीफ की

वांग यी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए पाक की तारीफ भी की। वांग ने कहा कि चीन आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ है और हम आतंक से लड़ने में पाक कोशिशों का समर्थन करते हैं। वर्षों उन्होंने कहा कि पहले अमेरिका के अनुरोध पर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अल-कायदा के खिलाफ लड़ाई में भाग लिया था। उसने इसके लिए भारी कीमत चुकाई और बड़ा योगदान दिया।