राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने सऊदी अरब को दिया ये बड़ा झटका, रातो – रात लगाई ये रोक

इससे पहले ट्रंप ने ईरान पर अधिकतम दबाव बनाने के लिए इजरायल, सऊदी अरब और यूएई के साथ अपने संबंधों को काफी प्रगाढ़ कर लिया था। अमेरिका ने संयुक्त अरब अमीरात को 1 लाख 73 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हथियारों के डील को मंजूरी दी थी।

 

इस डील के जरिए अमेरिका अपने स्टेट ऑफ ऑर्ट माने जाने वाले स्टील्थ लड़ाकू विमान एफ-35 और एमक्यू-9 रीपर ड्रोन को यूएई को दिया जाना है।

वॉल स्‍ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बाइडेन प्रशासन ने सऊदी अरब को अत्‍यंत घातक हथियार और यूएई को एफ-35 विमान देने पर अल्‍पकालिक बैन लगा दिया है। अमेरिका ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है .

जब बाइडेन एक सप्‍ताह पहले वादा किया था कि वह सऊदी अरब के साथ अमेरिका के संबंधों की समीक्षा करेंगे। बाइडेन ने सत्‍ता संभालने के बाद अब तक ट्रंप के कई फैसलों को या तो पलट दिया है या उनकी समीक्षा कर रहे हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि लंबित हथियार समझौते समीक्षा के अधीन हैं और यह नए प्रशासन की शुरुआत के लिए प्रतीकात्‍मक हैं। उन्‍होंने कहा कि नया प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि जो कुछ भी विचार किया जा रहा है.

वह हमारे रणनीतिक लक्ष्‍यों और विदेश नीति को आगे बढ़ाए। हालांकि ब्लिंकेन ने यह नहीं बताया कि उन्‍होंने यह बयान किस देश को लक्ष्‍य करके दिया है। ट्रंप प्रशासन के अरबों डॉलर के हथियारों की डील करने के बाद अब बाइडेन के इनकी समीक्षा करने से अमेरिका की नीतियों में बड़े बदलाव का संकेत माना जा रहा है।

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप के खास रहे सऊदी अरब और संयुक्‍त अरब अमीरात (यूएई) के अरबों डॉलर के हथियारों की बिक्री पर रोक लगा दी है। अमेरिका ने ऐलान किया है कि वह ट्रंप के हथियार सौदों की व्‍यापक समीक्षा कर रहा है।

अमेरिका के नए विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि यह नए प्रशासन के लिए प्रतीकात्‍मक कदम है। इन समझौतों में यूएई के साथ अमेरिका के सबसे घातक एफ-35 फाइटर जेट की डील भी शामिल है।