श्रीलंका में लंबे समय से जारी सियासी उठापटक का दौर, दोबारा PM बने रानिल विक्रमसिंघे

पड़ोसी देश श्रीलंका में लंबे समय से जारी सियासी उठापटक का दौर अब लगभग थमता दिख रहा है। 51 दिन बाद रविवार को रानिल विक्रमसिंघे की देश के प्रधानमंत्री पद पर फिर से वापसी हुई है। राजधानी कोलंबो में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने विक्रमसिंघे को शपथ दिलाई। आपको बता दें कि राजपक्षे ने शनिवार को ही प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद से ही कहा जा रहा था कि विक्रमसिंघे को दोबारा प्रधानमंत्री पद के लिए नियुक्त किया जा सकता है।

रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूनएपी) ने कहा कि वो राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के साथ काम करने के लिए तैयार है जिन्हें उनकी सरकार के खिलाफ ‘कुछ समूहों ने गुमराह’ किया था। वहीं यूएनपी के महासचिव सांसद अकिला विराज करियावासम ने कहा कि नए मंत्रिमंडल का गठन 2 दिन के भीतर किया जाएगा। अखबार कोलंबो पेज के मुताबिक नए मंत्रिमंडल को सोमवार को शपथ दिलाई जाएगी। इसमें श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के 6 सांसदों सहित कुल 30 सदस्य होंगे।

उल्‍लेखनीय है कि विक्रमसिंघे की राजनीतिक पार्टी यूएनपी ने सिरिसेन की पार्टी के साथ मिलकर वर्ष 2015 में सरकार बनाई थी। तब राजपक्षे को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। 26 अक्टूबर को विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली संयुक्त सरकार से सिरिसेन के यूपीएफए गठबंधन ने समर्थन वापस ले लिया है। इसकी वजह से सरकार अल्पमत में आ गई थी।