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11 दिसंबर, 2018 से आठ जनवरी, 2019 तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में कुल 20 बैठकें प्रस्तावित की गई हैं, इस दौरान 66 लंबित बिलों पर चर्चा की जानी है, साथ ही 20 नए विधेयक भी पेश किए जाएंगे। सत्र से पहले पीएम मोदी के नेतृत्व में बुलाई गई सर्वदलीय मीटिंग में गवर्नमेंट ने अपने लंबित व महत्वपूर्ण कामकाज से विपक्षी दलों को भी अवगत कराया है। सर्वदलीय मीटिंग के बारे में बताते हुए संसदीय कार्यमंत्री मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बोला कि गवर्नमेंट ने विपक्ष के साथ कामकाज को लेकर वार्ता की है, साथ ही तीन तलाक सहित कई अहम बिलों को लेकर भी योगदान की मांग की गई है, पीएम ने विपक्ष से बोला कि वे सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी मुद्दों पर मंथन करने के लिए तैयार है।
बैठक से बाहर निकले अधीन नबी आजाद ने मीडिया को बताया कि उन्होंने गवर्नमेंट के सामने राफेल सौदे पर जेपीसी के गठन व सीबीआइ जांच करने की बात रखी है, मीटिंग में कांग्रेस पार्टी नेता अधीन नबी आजाद, मल्लिकार्जुन ख़़डगे, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, लोक जनशक्ति पार्टी नेता चिराग पासवान, शिवसेना के नेता चंद्र कांत, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह आदि नेता मौजूद थे।