शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा है कि जिसने भी राम मंदिर पर विरोध जताया, वह जमींदोज हो गए। ममता बनर्जी को दुर्बद्धि आ गई। श्रीराम का नारा देने वालों को उन्हीं की सरकार ने क्रिमिनल करार दे दिया।
सामना में आगे लिखा गया है कि योजना के मुताबिक हम 18 सांसदों के साथ अयोध्या जाकर आए। गत साल नवंबर महीने में भी हम अयोध्या में थे, उस समय एक अलग तैयारी से आए थे।
मुखपत्र में आगे लिखा है कि महाराष्ट्र से व देशभर से हजारों शिवसैनिक अयोध्या आए थे, किन्तु वह भी शक्ति प्रदर्शन नहीं था व आज शिवसेना के 18 सांसदों के साथ रामलला के दर्शनों के लिए आना भी शक्ति प्रदर्शन नहीं है। पिछली बार हमने ये बोला था चुनावों का शंखनाद हो चुका है इसलिए हम अयोध्या में नहीं आए। चुनाव संपन्न होने के बाद सभी निर्वाचित सांसदों के साथ रामलला के चरणों में नतमस्तक होने के लिए अवश्य आएंगे। ’
शिवसेना ने लिखा है कि ये हमारा वचन था व उसी योजना के अनुसार हम अयोध्या आए। हकीकत कहो तो ये अयोध्या, अयोध्यावासियों की या रामलला की, पर हमारी तो निश्चित है।हम अयोध्या आते रहेंगे, ऐसा हमने तय किया है। श्रीराम की कृपा से बीजेपी (भाजपा) व शिवसेना को लोकसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत मिली है। यह सफलता ऐतिहासिक ही नहीं बल्कि विरोधियों को जमींदोज करने वाली है, जिसने राम मंदिर का विरोध किया वे तबाह हो गए। राम के नाम पर समुद्र में पत्थर भी तैर गए। रामसेतु निर्मित हो गया। उसी राम के नाम से आज की दिल्ली सरकार भी तैर गई। पश्चिम बंगाल में जाकर अमित शाह ने ’जय श्रीराम’ का नारा दिया व प्रभु श्रीराम ने करिश्मा कर दिया।