शराब पीने की लत से हैं दुखी तो आजमाएं ये उपाय

 एक नये शोध के मुताबिक, वैज्ञानिकों का कहना है कि कठिनाई में होने पर वयस्कों में शराब पीने की समस्या और उसके दुरुपयोग को इंटरनेट आधारित हस्तक्षेपों के माध्यम से अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित और घटाया जा सकता है, जो अक्सर आमने-सामने के परामर्श से अधिक सुलभ  स्वीकार्य होते हैं ‘पीएलओएस मेडिसिन’ नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के मुतााबिक, वयस्कों में ‘समस्या में घिरे होने पर शराब पीने की आदत से निपटने के लिए इंटरनेट आधारित हस्तक्षेप’ शराब पीने संबंधी व्यवहार को बदलने  जरूरत पड़ने पर अधिक गहन इलाज की दिशा में पहले कदम के रूप में काम कर सकता है

वैश्विक आकलन लगातार शराब पीने के कारण बढ़ती रुग्णता, मृत्यु दर  सामाजिक नुकसान को दर्शाता रहा है  आमने-सामने की संक्षिप्त वार्ता या सीधा हस्तक्षेप प्रभावी होता हैं, लेकिन इसका प्रयोग कम ही होता है इंटरनेट-आधारित हस्तक्षेप इस इलाज के दूरी को दूर कर सकता है क्योंकि वे अधिक सुलभ  मापनीय हैं,  वे समस्या से परेशान होकर शराब पीने वालों के लिए अधिक स्वीकार्य हैं नीदरलैंड में वी यू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह शोध किया है

वैज्ञानिकों ने खोजी अनोखी दवा, शराब की लत  अवसाद में मिल सकती है मदद
वैज्ञानिकों ने बोला है कि उन्होंने एक ऐसी अनोखी दवा विकसित की है, जिससे अल्कोहल पीने की मात्रा में कमी लाकर शराब की लत छुड़ाई जा सकती है  अवसाद में भी कमी लाई जा सकती है अध्ययन के मुताबिक, 2000 के दशक में शराब की लत में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई एक अध्ययन में हर आठ आदमी में एक में शराब की लत पाई गई वैज्ञानिकों ने बोलाकि अवसाद से संसार में 14 करोड़ लोग प्रभावित हैं  वे शराब के प्रयोग से पैदा हुए रोगों से जूझ रहे हैं हालांकि, कुछ ही दवाओं को ऐसे रोगों के उपचार के लिए मंजूरी मिली है

इन दवाओं का उद्देश्य शराब पीने की ख़्वाहिश में कमी लाना है लेकिन ये मनोवैज्ञानिक रोगों का उपचार नहीं करते हैं अध्ययन में जी प्रोटीन युक्त ‘रिसेप्टर’ पर जोर दिया गया हैइसे डेल्टा ओपिऑयड रिसेप्टर भी बोला जाता है यह ऐसी अनोखी दवा है, जिससे शराब पीने की ख़्वाहिश में कमी लाई जा सकती है परड्यू यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर रिचर्ड वैन रिज्न ने कहा, ‘‘हम प्रभाव पैदा करने के लिए इस दवा का प्रयोग कर सकते हैं इससे ‘साइट इफेक्ट’ से भी बचा जा सकता है ’’