शपथ से पहले जो बाइडन पूरा करेंगे ये काम , बुलाए गए हजारों सैनिक

वाशिंगटन में हिंसक प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर रक्षा अधिकारियों द्वारा और सैनिकों को भेजने की मांग के बाद बड़ी संख्या में सैनिक विभिन्न प्रांतों से बसों और विमानों के जरिये शनिवार को राजधानी में आने लगे।

वाशिंगटन में अगले हफ्ते की शुरुआत तक 25,000 से अधिक सैनिकों के आने का अनुमान है। कई हजार सैनिक बसों और सेना के ट्रकों में सवार हैं और वाशिंगटन आ रहे हैं। सेना संबंधी मामलों के मंत्री रायन मैक्कर्थी ने गर्वनरों से मदद मांगी थी।

दरअसल, बाइडन के शपथ लेने से पहले प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए सेना के अधिकारियों ने प्रांतों के गर्वनरों से नेशनल गार्ड के अधिकाधिक जवानों को भेजने की अपील की थी.

जिससे कि शहर के ज्यादातर हिस्से में शपथ ग्रहण से पहले लॉकडाउन लगाया जा सके। छह जनवरी को अमेरिकी संसद भवन पर भीड़ ने हिंसक धावा बोल दिया था। उसी घटना को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि हिंसक कट्टरपंथी समूह शहर को निशाना बना सकते हैं।

इन सभी संकटों के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है और बाइडन अपने कार्यकाल के शुरुआती 10 दिन में इन संकटों से निपटने के लिए निर्णायक कदम उठाएंगे। क्लीन ने कहा कि शपथ ग्रहण के दिन नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडन चार संकटों से निपटने के लिए करीब एक दर्जन प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करेंगे।

बाइडन पहले ही दिन अमेरिकी लोगों को कोरोना वायरस महामारी से जुड़ा राहत पैकेज भी देंगे। उन्होंने कहा कि जैसे कि पहले ही घोषणा की गई थी, वह शिक्षा विभाग से छात्रों के लिए ऋण के भुगतान पर मौजूदा रोक की अवधि बढ़ाएंगे, पेरिस समझौते में पुन: शामिल होंगे और मुसलमानों पर प्रतिबंध हटाएंगे।

व्हाइट हाउस के नवनियुक्त चीफ आफ स्टाफ रोन क्लीन ने आगामी व्हाइट हाउस वरिष्ठ कर्मियों को शनिवार को दिए एक ज्ञापन में कहा, ‘नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडन ऐसे समय में कार्यभाल संभाल रहे हैं.

जब देश गंभीर संकट से जूझ रहा है। हमारे सामने चार बड़े संकट हैं, जो एक दूसरे से जुड़े हैं। ये संकट है-कोरोना और इसके चलते पैदा हुआ आर्थिक संकट, पर्यावरण से जुड़ी समस्यांए और नस्ली समानता के अभाव से जुड़ा संकट है।’

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन कार्यों की सूची तैयार कर ली है, जिसे वे शपथ वाले दिन ही पूरा करेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, 20 जनवरी को शपथ लेने के तुरंत बाद बाइडन देश के सामने मौजूद चार चुनौतियों-कोरोना संकट, आर्थिक संकट, पर्यावरण संबंधी समस्याएं और नस्ली असमानता से निपटने के लिए करीब एक दर्जन प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करेंगे। यह भी माना जा रहा है कि वह अपने कार्यकाल के पहले दिन 1.1 करोड़ आप्रवासियों को नागरिकता देने का भी एलान कर सकते हैं।