सभी वैज्ञानिक इसी प्रयास में लगे हुए हैं कि वो कितनी जल्दी अपने chAdOx वैक्सीन प्लेटफॉर्म को नए सिरे से तैयार करें। ताकि नई प्रभावी वैक्सीन भी बनाई जा सके।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों से मिली जानकारी के मुताबिक “सावधानीपूर्वक वैक्सीन की इम्युनिटी पावर पर पड़ने वाले नए कोरोना वायरस के रूप के प्रभाव का आकलन कर रहे हैं। साथ ही इसका आकलन भी कर रहे हैं कि कैसे नए तरीके की कोविड 19 वैक्सीन को जल्द बनाया जाए।”
तो वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी बुधवार को कहा है कि “देश की दवा नियामक एजेंसियां पूरी तरह तैयार हैं ताकि कोरोना वायरस के नए रूप से लड़ने के लिए तैयार की जा रही नई कोरोना वैक्सीन के लिए अनुमति दी जा सके।”
इतना ही नहीं कोरोना के नए स्ट्रेन से निपटने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रेजेनेका के वैज्ञानिक संयुक्त रूप से इन नए स्ट्रेन से निपटने के लिए भी वैक्सीन तैयार करने में जुट गए हैं।
रिपोर्ट की मानें तो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रेजेनेका कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के लिए वैक्सीन बनाने के क्रम में अपनी तकनीक को नए सिरे से तैयार करने के लिए रिसर्च में जुटे हुए हैं।
दुनियाभर में कोरोना के अभी तक 9.73 लाख से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, तो वहीं कोरोना वायरस से 20.83 लाख से भी ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवा दी है।
इसी बीच पूरे विश्व में कोरोना वायरस के नए रूप या स्ट्रेन का खतरा भी मंडराने लगा है। ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में इस नए स्ट्रेन के आने बाद से कई देशों ने इससे निपटने के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।