विवेक तिवारी हत्‍याकांड में आरोपियों को बचाने के खेल हुआ खत्म, ये दोनों है मुख्य आरोपी

एपल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या के मामले में आरोपियों को बचाने के खेल को लेकर हर तरफ हो रही किरकिरी के बाद रविवार शाम गोमतीनगर थाना में दूसरी एफआईआर दर्ज कर ली गई। यह एफआईआर विवेक की पत्नी कल्पना की तरफ से दर्ज कराई गई। राजधानी का यह पहला मामला है जिसमें पुलिस ने एक एफआईआर होने के बावजूद दूसरा केस दर्ज किया है।

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लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्ण ने इससे पहले बताया था कि सुप्रीम कोर्ट के कृष्ण कुमार बनाम केरल सरकार के निर्णय के आधार पर किसी मामले में दूसरी एफआईआर दर्ज की जा सकती है।

उन्होंने कहा, विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना और साले विष्णु शुक्ला ने उनकी पूर्व सहकर्मी की तरफ से प्राथमिकी दर्ज कराने पर आपत्ति जताई थी। उनका आरोप था कि पुलिस ने हत्या के इस संगीन मामले को रफा-दफा करने के लिए पूर्व सहकर्मी से सादे कागज पर दस्तखत करा लिए थे। इसके बाद उसी कागज पर बोल-बोलकर तहरीर लिखवाई।

उनका कहना था कि पुलिस ने केस को कमजोर बनाने के इरादे से एफआईआर में खेल किया है। जिन सिपाहियों ने गोली चलाई, उनके नाम छिपा लिए गए। एफआईआर में पुलिसकर्मियों द्वारा सीधे विवेक तिवारी को गोली मारने का जिक्र भी नहीं किया गया। परिवारीजनों की आपत्ति के बाद उनकी तरफ से गोमतीनगर में ही दूसरी एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय लिया गया।

दूसरी एफआईआर दर्ज होने के बाद क्या पहला मामला खत्म कर दिया जाएगा या उसे दूसरी एफआईआर में शामिल कर लिया जाएगा? इस सवाल पर एडीजी स्पष्ट जवाब नहीं दे सकें। उन्होंने कहा, इसकी कानूनी पेचीदगियां क्या हैं, इस बारे में विशेषज्ञों से जानकारी ली जाएगी।

सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार के खिलाफ नामजद केस दर्ज हुआ
एडीजी ने कहा, पीड़िता ने एफआईआर में आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार को नामजद न करने पर सवाल उठाए थे। कल्पना की तहरीर में आरोपी सिपाहियों के नाम लिखे हैं इसलिए नामजद केस किया गया है।