विधानसभा चुनाव आते ही सियासी दलों के बीच तलवार खींचती आई नजर

महाराष्ट्र में जैसे – जैसे विधानसभा चुनाव का समय करीब आ रहा है. सियासी दलों के बीच तलवार खींचती नजर आ रही है. शिवसेना ने अपनी सहयोगी भाजपा पर कड़ा प्रहार किया है. सेना ने अपने मुखपत्र सामना में नरेन्द्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को नोटबंदी के बाद देश में करप्शन बढ़ने की स्वीकारोक्ति को आधार बनाते हुए सामना के संपादकीय में अर्थव्यवस्था की मंदी  बेरोजगारी के लिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के नोटबंदी के फैसलाको जिम्मेदार ठहराया गया है.

प्रदेश में सितंबर-अक्तूबर में होने वाले संभावित विधानसभा चुनावों से पहले शिवसेना-भाजपा के बीच अभी तक बढ़िया तालमेल देखने को मिला है, ऐसे में ‘सामना’ के इस तेवर ने लोगों को चकित किया है. सामना ने संपादकीय में लिखा कि मंदी  बेरोजगारी की जड़ नोटबंदी के फैसला में है. आर्टिक्ल में लिखा गया कि नोटबंदी से कई लोगों का काला पैसा सफेद हुआ है ये स्वीकारना चाहिए.

लेकिन करोड़ों लोगों ने अपनी जॉब भी गवां दी, ये कटु सत्य है. संपादकीय में लिखा गया है कि अगर वित्तमंत्री बता देतीं कि वर्तमान सरकार में हुए करप्शन किसने किए  उन पर क्या कार्रवाई हुई तो अच्छा होता. सामना ने लिखा है कि नए शासन में विदेश से ब्लैक मनी वापस नहीं आया  उल्टे बैंकों को डुबोने वाले 100 से ज्यादा उद्योगपति देश से भाग गए.उन्हें CBI ने नहीं रोका  प्रवर्तन निदेशालय ने भी नहीं टोका. बता दें शिवसेना की नजरें प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर है.