विधानसभा अध्यक्ष का जवाब सुनते ही विपक्षी सदस्य ने एकजुट होकर की नारेबाजी

बिहार विधानसभा के पांच दिनों का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ता दिख रहा है सदन में पहले दो दिनों में एक भी सवाल पेश हो नहीं हो सका है गवर्नमेंट जैसे-तैसे महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को भले ही निपटा ले रही है, लेकिन जनता के हित से जुड़े मुद्दों पर कोई बात नहीं हो सकी है 

इसकी दुहाई सत्ता  विपक्ष दोनों के सदस्य दे रहे हैं मंगलवार को विधानसभा में की तरफ से कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया गया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूरी नहीं जी इसके बाद सदन में हंगामा प्रारम्भ हो गया नतीजा हुआ कि सदन की कार्यवाही बुधवार तक टालनी पड़ी

बिहार विधानसभा का पांच दिनों के शीतकालीन सत्र का पहला दिन दिवंगत सदस्यों के शोक प्रस्ताव में गुजर गया मंगलवार को जब सदन की कार्यवाही प्रारम्भ हुई तो आरजेडी की तरफ से सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश कर दिया गया विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने सदन के नियमों का हवाला देकर इसे खारिज कर दिया विधानसभा अध्यक्ष का जवाब सुनते ही विपक्षी सदस्य एकजुट होकर नारेबाजी करने लगे  सदन के वेल में आ गये मेज पटकने लगे कुछ ही देर में सदन दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया

‘NDA की गवर्नमेंट में स्वीकार नहीं हुआ एक भी कार्यस्थगन प्रस्ताव’
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने गवर्नमेंट पर मुद्दों से भागने का आरोप लगाया उन्होंने बोला कि गवर्नमेंट सदन में बहस से भाग रही है वहीं, पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्धीकी ने बोलाकि विशेष हालात में ही कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया जाता है सदन में अब तक एनडीए की गवर्नमेंट के दौरान जितने भी कार्यस्थगन प्रस्ताव लाये गये हैं, किसी को स्वीकार नहीं किया गया है

आरजेडी विधायक भाई बीरेंद्र ने बोला कि गवर्नमेंट अगर अपनी हठधर्मिता पर अड़ी रही, तो हम उसकी आंखों को खोलने का कार्य करेंगे हम जनता की आवाज को सदन में बुलंद करेंगे, क्योंकि सदन को चलाना गवर्नमेंट का कार्य है, विपक्ष का नहीं वहीं, कांग्रेस पार्टी एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने बोला कि गवर्नमेंट सदन को चलाना नहीं चाह रही है उसका रवैया पूरी तरह से गैरजिम्मेदाराना रहा है

राबड़ी बोलीं- बिहार में ‘महाजंगलराज’
पूर्व CM राबड़ी देवी ने भी गवर्नमेंट पर निशाना साधा  बोला कि गवर्नमेंट अगर सदन को चलाना चाहती है तो उसे विधानसभा में दिये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करानी चाहिये थी, लेकिन गवर्नमेंट अपनी नाकामी छुपाना चाह रही है इस समय बिहार में महाजंगलराज चल रहा है महिलाएं घरों से निकलती नहीं हैं, क्योंकि उन्हें ये भय सताता है कि कोई अनहोनी नहीं हो जाये आरजेडी विधायक भाई बीरेंद्र ने CM नीतीश कुमार पर सीधा सवाल किया उन्होंने बोला कि CM गृह विभाग के मंत्री हैं, लेकिन इस सत्र में उनके विभाग से संबंधित एक भी सवाल को सदन में स्वीकार नहीं किया गया है आखिर ऐसा क्यों किया गया है

‘विपक्ष के सदस्य धैर्य खो चुके हैं’
विपक्ष के हमले के बीच गवर्नमेंट की ओर से संसदीय काम मंत्री श्रवण कुमार ने मोर्चा संभाला उन्होंने बोला कि विपक्ष किसी भी सूरत में सदन को नहीं चलने दे रहा है संसदीय काममंत्री ने बोला कि कार्यस्थगन प्रस्ताव विधानसभा की पीठ से जुड़ा मामला है विधानसभा अध्यक्ष ही उस पर नियम के मुताबिक निर्णय लेते हैं इसमें हमको कुछ नहीं कहना है, लेकिन विपक्ष को गवर्नमेंट की बात सुननी चाहिये केवल अपनी ही बात नहीं चलानी चाहिये

सहकारिता मंत्री राणा रणधीर ने बोला कि विपक्ष के सदस्य लगता है कि धैर्य खो बैठे हैं वो जिन मुद्दों को हंगामे के साथ सदन में उठा रहे थे उनसे जुड़े सवाल भी आज की सदन की कार्यवाही में शामिल थे उन्होंने गंभीरता से साथ उन सवालों के जवाब सुनने चाहिये थे अगर गवर्नमेंट की ओर से सही जबाव नहीं दिया जाता, तो विपक्ष गवर्नमेंट को घेर सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया

‘भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरे टॉलरेंस की पॉलिसी पर गवर्नमेंट कर रही काम’
वहीं, पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने बोला कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है, तो वह कानून-व्यवस्था का सवाल उठा रहा है गवर्नमेंट कानून-व्यवस्था  करप्शन के मुद्दे पर जीरो टालरेंस पॉलिसी पर चल रही है इधर, श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सदन नहीं चलने देने पर सीधे विपक्ष पर हमला किया  बोला कि विपक्ष कई अपराधियों को संरक्षित करने का कार्य करता रहा है उनका विश्वास विधानसभा की कार्यवाही में नहीं है

बात करें कार्यस्थगन प्रस्तावों की, तो विपक्ष की ओर से शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया बुधवार को लालू प्रसाद को फंसाये जाने के मामले में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया जायेगा इससे पहले मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया गया था बजट सत्र के दौरान कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष काम स्थगन प्रस्ताव लाया था, लेकिन किसी प्रस्ताव को गवर्नमेंट की ओर से अभी तक स्वीकार नहीं किया गया हर बार सदन की कार्यवाही ही इसकी भेंट चढ़ती रही है