विदेशी मीडिया ने बताया, इस हमलों के पीछे मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन का हाथ

श्रीलंका में ईस्टर पर्व के मौके पर हुए 8 सीरियल बम धमाकों से पूरी दुनिया दहल उठी है। इन धमाकों में अब तक करीब 215 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 500 लोग घायल हैं लेकिन किसी आतंकी संगठन ने अभी तक इन आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन विदेशी मीडिया में इस हमलों के पीछे मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन नेशनल तोहिथ जमात (Thawheed Jamaat) यानी कि एनटीजी का हाथ बताया जा रहा है।

मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन है नेशनल तोहिथ जमात
नेशनल तोहिथ जमात (Thawheed Jamaat)
नेशनल तोहिथ जमात (Thawheed Jamaat) एक मुस्लिम मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन है और इसका एक हिस्सा तमिलनाडु में भी सक्रिय है, पुलिस चीफ पूजुथ जयसुंदरा ने 11 अप्रैल को एनटीजी की ओर से ऐसे आत्मघाती हमलों की चेतावनी दी थी, हालांकि अधिकारिक तौर पर इस हमले के पीछे कौन है, इस बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है।

धमाकों से दहला श्रीलंका
आतंकियों के निशाने पर भारतीय दूतावास भी

बताया जा रहा है कि आतंकियों के निशाने पर भारतीय दूतावास भी था। हालांकि मजबूत सुरक्षा व्यवस्था के कारण आतंकी मंसूबों को अंजाम नहीं दे पाए, हालांकि इस हमले में तीन भारतीय भी मारे गए हैं।

इन जगहों पर हुए बम धमाके

गौरतलब है कि इन धमाकों में सेंट एंथनी चर्च, कोलंबो, सेंट सेबेस्टियन चर्च, पश्चिम तटीय कस्बा नेगोंबो, सेंट माइकल चर्च, पूर्वी कस्बा बट्टीकलोआ चर्च को जबकि सांगरी ला, सिनामन ग्रैंड और किंग्सबरी होटल को निशाना बनाया गया है।

नरेंद्र मोदी
भारत करेगा श्रीलंका की हर संभव मदद: पीएम नरेंद्र मोदी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका में हुए सीरियल ब्लास्ट की कड़ी निंदा की है। पीएम ने ट्वीट करके कहा था कि हमारे क्षेत्र में इस तरह की बर्बरता की कोई जगह नहीं है। भारत श्रीलंका के लोगों के साथ पूरी तरह से खड़ा है। मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं और दुख की इस घड़ी में श्रीलंका की हर संभव मदद भारत करेगा।

आज और कल देश के सभी स्कूल बंद
प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की

श्रीलंका में हुए इन सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद आज और कल देश के सभी स्कूल बंद हैं प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है, सोशल मीडिया को भी बैन कर दिया गया है। मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसे श्रीलंका के इतिहास में सबसे भयावह हमला माना जा रहा है। सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है।