वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खाते से जायेगा हिंदुस्तान के इन लोगो के पास पैसा, जानिए ये है वजह

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ‘बही खाते’ में नए हिंदुस्तान का एजेंडा प्रमुख रहा. इसके तहत स्वच्छ भारत, हर परिवार के पास आवास, हर घर को जल और हर घर को बिजली, गैस कनेक्शन दिए जाने के लक्ष्य तय किए गए हैं. विकास की गति तेज करने का खाका पेश करते हुए बड़े महत्वाकांक्षी मिशन जल और आवास को केन्द्र में रखा.

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भारी भरकम जनादेश के साथ लौटी पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में नया हिंदुस्तान का एजेंडा सामने रखा. इस नारे पर ही नरेन्द्र मोदी सरकारचुनाव में गई थी व प्रचंड बहुमत के साथ जीतकर आई भी.

सरकार ने अपने दशकीय और पांच वर्ष के लक्ष्यों के साथ कुछ लक्ष्य 2022 के लिए भी रखे हैं, जब देश आजादी के 75  साल और महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मना रहा होगा. इनमें स्वच्छ भारत, हर परिवार के पास आवास, हर घर को जल और हर घर को बिजली, गैस कनेक्शन शामिल हैं. स्वच्छ हिंदुस्तान मिशन के अगले चरण में हर गांव में ठोस कचरा प्रबंधन का लक्ष्य रखा गया है. हर जिले में महिला खुद सहायता समूहों का गठन भी किया जाएगा.

तेज विकास का खाका
देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में दशकीय लक्ष्यों के साथ देश की अर्थव्यवस्था के जल्द ही पांच ट्रिलियन डालर तक पहुंच जाने के विश्वास के साथ विकास की गति तेज करने का खाका भी पेश किया है. जल और आवास सरकार के बड़े मिशन हैं. बीजेपी के चुनाव घोषणापत्र पर अमल के साथ पिछली सरकार की योजनाओं को तेजी से पूरा करने का संकल्प जाहीर किया है.

उम्मीदें बरकरार
उम्मीदों और बेहतर कल की आस से भरे बजट से नौकरीपेशा उच्च मध्यम वर्ग कुछ निराश होने कि सम्भावना है. चूंकि आम चुनाव के बाद लगभग आधे वर्ष के लिए बजट होने से यह एक तरह से पूरा बजट नहीं है. ऐसे में अगले वर्ष एक फरवरी को आने वाले बजट को लेकर उम्मीदें बरकरार है. सरकार का लक्ष्य देश में बुनियादी शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और आवास जैसी सुविधाएं हर आदमी को देने के साथ वैश्विक मंच पर भी आर्थिक ताकत बनने की है. यह बजट एक तरह से इन दोनों मोर्चों के बीच से गुजरने वाला है. वित्त मंत्री ने बोला कि 2014 में 1.85 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था पांच वर्ष में 2.7 ट्रिलियन डॉलर हो गई है व जल्द ही यह पांच ट्रिलियन डालर हो जाएगी.

एक दशक के लिए बड़े लक्ष्य 
वर्ष के बीच में आया बजट होने से सरकार ने भावी लक्ष्यों पर जोर दिया है. एक दशक के इन लक्ष्यों में भौतिक और सामाजिक अवसंरचना, डिजिटल इंडिया , हरित और प्रदूषण मुक्त भारत, स्टार्ट अप और मेक इन इंडिया , जल, जल प्रबंधन और स्वच्छ नदियां, नीली अर्थव्यवस्था, गगनयान और चंद्रयान समेत अंतरिक्ष कार्यक्रम, दलहन और तिलहन समेत खाद्यान्न निर्भरता, स्वस्थ्य समाज, आयुष्मान हिंदुस्तान के साथ न्यूनतम सरकार के साथ अधिकतम शासन के साथ टीम इंडिया है. सरकार के पांच ट्रिलियन डालर की भावी अर्थव्यस्था का लक्ष्य बुनियादी ढ़ांचे में भारी निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन, नागरिकों की आशाओं, विश्वास व आकांक्षाओं से परिपूर्ण है. सरकार के लक्ष्यों में अगले पांच वर्षों में बुनियादी ढांचे में 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करना, पांच वर्षों में खाद्य सुरक्षा बजट को दोगुना करना, अफ्रीका में 18 नए दूतावास खोलना, दुनिया स्तरीय पर्यटक स्थलों में 17 जरूरी पर्यटन स्थलों का विकास करना शामिल हैं.

विजन पर जोर
वित्त मंत्री के दो घंटे से अधिक समय के सम्बोधन में योजनाओं और कार्यकमों का न तो उल्लेख किया गया व न ही उनके लिए किसी आवंटन का जिक्र. दरअसल, सरकार इस बजट सम्बोधन से अपना भावी विजन पेश करना चाहती थी, जिस पर पूरा ध्यान रखा गया. वित्त मंत्री ने सत्ता में बीजेपी की वापसी को उज्जवल व स्थिर नए हिंदुस्तान की उम्मीद बताते हुये शेर पढ़ा कि ‘उम्मीद हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है.’ उन्होंने सरकार की महिला योजनाएं ‘नारी तू नारायणी’ पर आधारित होने का जिक्र करते हुए बोला कि स्वस्थ समाज की परिकल्पना के तहत आयुष्मान भारत, सुपोषित महिलाएं व बच्चे व नागरिकों की सुरक्षा को अहम जगह दिया गया है.