वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के आसपास होना चाहिए ये , सबसे ज्यादा खिड़की और दरवाजे…

उत्तर और ईशान दिशा के मकान में रहने वाले लोग उन्नति करते हैं और प्रसिद्धि पाते हैं। इस तरह के मकान में किसी भी प्रकार की घटना दुर्घटना नहीं होती और यहां के लोग अकाल मौत नहीं मरते हैं।

 

उत्तर और ईशान के दरवाजों में ध्यान रखने वाली खास बात यह है कि सर्दियों में घर में ठंडक रहती है तो गर्माहट का अच्छे से इंतजाम करें। साथ ही ईशान कोण के दारवाजे के बाहर का वास्तु भी अच्छा होना चाहिए।

सबसे उत्तम गुरु का घर माना जाता है। इस प्रकार के घर में जल और अग्नि के स्थान को अच्छी तरह से नियुक्त किया जाना चाहिए, जिससे सुख और समृद्धि बढ़ती जाए।

यदि आपके मकान पर गुरु का प्रभाव है तो उसका दरवाजा उत्तर-दक्षिण में होगा। हो सकता है कि पीपल का वृक्ष या कोई धर्मस्थान मकान के आसपास हो। मुख्य द्वार ईशान या उत्तर हो तो ऐसा घर गुरु का घर कहलाएगा।

वास्तु के अनुसार उत्तर या ईशान कोण का दरवाजा या मकान हमेशा लाभकारी होता है। इस दिशा में घर के सबसे ज्यादा खिड़की और दरवाजे होना चाहिए। घर की बालकनी भी इसी दिशा में होना चाहिए। इस दिशा में वास्तुदोष होने पर धन की हानि व करियर में बाधाएं आती हैं।

उत्तर या ईशन दिशा का द्वार धन और समृद्धि लेकर आता है। ऐसे घर में मानसिक शांति बनी रहती है और घर के सदस्य हर समय प्रसन्न रहते हैं।

किस घर पर कौन-से ग्रह का प्रभाव है, इसका पता घर की बनावट और आस-पास के वातावरण को देखकर लगाया जा सकता है। आज हम आपको गुरु से प्रभावित घर के बारे में बता रहे हैं.