वास्तु टिप्स: घर बनवाते समय समय रखे इन बातो का ध्यान , जरूर होना चाहिए ये…

आग्नेय, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में उजालदान नहीं बनाना चाहिए। आग्नेय में रसोईघर है तो उजालदान उचित दिशा में बना सकते हैं। इसके लिए किसी वास्तुविद् की सलाह लेनी चाहिए। घर में खिड़कियों की संख्या सम यानी 2, 4, 6 ऐसी होनी चाहिए, विषम नहीं जैसे 1, 3, 5।

अगर खिड़की खोलते या बंद करते समय उसमें से आवाज आए तो उसकी मरम्मत करवानी चाहिए। खिड़कियों से आने वाली आवाज वास्तु दोष का कारण हो सकती है।

घर की छत में किसी भी प्रकार का उजालदान नहीं होना चाहिए हो, जैसे आजकल घर की छत में दो-बाइ-दो का एक हिस्सा खाली छोड़ देते हैं उजाले के लिए। इससे घर में हमेशा हवा का दबाव बना रहेगा, जो सेहत और मन-मस्तिष्क पर बुरा असर डालेगा। यदि उजाल

दान बनाना ही है तो किसी वास्तुशास्त्री से पूछकर बनाएं। घर की वायव्य, उत्तर, ईशान और पूर्व दिशा में खिड़की बनवाना अच्छा रहता है।
रसोई घर में खिड़की निश्चित ही बनवानी चाहिए, ताकि उसका ताप और धुआं बाहर निकल सके। बाथरूम और टॉयलेट में उचित दिशा में छत से लगे हुए उजालदान होना चाहिए।

घर बनवाते समय खिड़कियां जरूर रखी जाती है ताकि हवा और प्रकाश घर में आ सके। जिस घर में खिड़की नहीं होती, वहां रहने वाले लोग अक्सर बीमार रहते हैं। वास्तु शास्त्र में खिड़की से जुड़ी कई जरूरी टिप्स बताई गई हैं जिन्हें घर बनवाते समय ध्यान रखना चाहिए। ये टिप्स इस प्रकार हैं.