यूपी में सपा-बसपा के संभावित साझेदारी के बीच लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच एक बड़ी समाचार आ रही है कि यह साझेदारी पीएम नरेंद्र मोदी को वाराणसी में घेरने की तैयारी कर रहा है। वाराणसी से एक बड़ा सियासी संदेश देने की गरज से सपा-बसपा साझेदारी संयुक्त उम्मीदवार उतार सकता है। इस कड़ी में सूत्रों के मुताबिक दोनों पार्टियों से अलग किसी मजबूत दावेदार पर साझेदारी दांव लगा सकता है। इस कारण सूत्रों के मुताबिक गुजरात के पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को वाराणसी से साझेदारी की तरफ से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
यूपी में सपा-बसपा महागठबंधन की चर्चाओं के बीच शनिवार को अखिलेश यादव व मायावती की मुलाकात होगी। इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेता महागठबंधन के बारे में औपचारिक ऐलान कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों नेता साझा प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। इसके लिए मीडियाकर्मियों को दोपहर 12 बजे यहां के होटल ताज में अखिलेश वमायावती की साझा प्रेस बातचीत को कवर करने का आमंत्रण दिया गया है। खास बात यह है कि आमंत्रण लेटर पर सपा की तरफ से राजेंद्र चौधरी व बसपा की तरफ से सतीश चंद्र मिश्रा के हस्ताक्षर हैं।
37-37 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
आगामी लोकसभा चुनाव में यूपी की 80 सीटों पर सपा-बसपा के मिल कर चुनाव लड़ने पर दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व के बीच ‘सैद्धांतिक सहमति’ बन गई है। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने पिछले शनिवार को बताया था कि साझेदारी को लेकर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव व बीएसपी प्रमुख मायावती के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है। इस कड़ी में पिछले शुक्रवार को भी दोनों नेताओं के बीच दिल्ली में मुलाकात हुई थी। उन्होंने बोला था कि आगामी लोकसभा चुनाव में साझेदारी को लेकर ‘सैद्धांतिक सहमति‘ बन चुकी है।
कांग्रेस को साझेदारी में शामिल किये जाने की आसार पर चौधरी ने बोला था कि इसका फैसला तो अखिलेश व मायावती ही लेंगे। बहरहाल, कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी वसोनिया गांधी के लिये क्रमशः अमेठी व रायबरेली सीटें छोड़ी जाएंगी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली स्थित मायावती के आवास पर पिछले शुक्रवार को अखिलेश से साथ लगभग ढाई घंटे तक चली मीटिंग में दोनों दलों द्वारा 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति बन गई है। छह सीट कांग्रेस, रालोद व अन्य के लिये छोड़ी गई हैं।
कांग्रेस के नाम पर सस्पेंस
इस बीच कांग्रेस पार्टी ने सपा-बसपा के बीच 37 -37 सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमति बनने के बाद यूपी में अकेले ही चुनाव लड़ने के इशारा दिये हैं। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी एल पुनिया ने सपा-बसपा गठजोड़ के बारे में बोला कि दोनों दल अपने निर्णय करने के लिये स्वतंत्र है, कोई किसी के साथ जबरन समझौता नहीं कर सकता है। जहां तक यूपी में कांग्रेस पार्टी का सवाल है तो पार्टी पहले से ही बहुत अच्छे से चुनाव लड़ने की तैयारी में है। हम अकेले चुनाव लड़ने के लिये तैयार है। ’’
वहीं यूपी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राजबब्बर ने सपा-बसपा साझेदारी के बारे में बोला कि इस बारे में अभी जो भी खबरें आ रहीं हैं वे सूत्रों पर आधारित हैं। जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है तो हमारा स्पष्ट तौर पर मानना है कि पार्टी नेतृत्व इस बारे में जनता की ख़्वाहिश के मुताबिक निर्णय करेगा। ’’
इस तरह होगा सीटों का बंटवारा
सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच मजबूत जनाधार वाले इलाके की सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने पर भी सहमति बन गई है। इस आधार पर पश्चिमी यूपीकी अधिकतर सीटों पर बीएसपी व पूर्वांचल में अधिकांश सीटों पर सपा के उम्मीदवार उतारने पर दोनों दल सहमत हैं। वहीं बुंदेलखंड की चार में से दो-दो सीटों पर दोनों दल चुनाव लड़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि 16वीं लोकसभा में यूपी से बीजेपी के 68, सपा के सात, कांग्रेस पार्टी व अपना-दल के दो-दो तथा रालोद का एक सांसद है। पिछले चुनाव में बीएसपी 19.77 फीसद वोट हासिल करने के बावजूद एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। साझेदारी के स्वरूप के बारे में चौधरी ने बोला कि कुछ छोटे दलों को भी साझेदारी में शामिल करने के लिये बात हो रही है।सपा प्रवक्ता ने स्वीकार किया कि साझेदारी में शामिल करने के लिये पश्चिमी यूपी में प्रभाव रखने वाले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) से भी वार्ता हो रही है।
मालूम हो कि सपा व बीएसपी के बीच साझेदारी के बीज पिछले वर्ष गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान ही पड़ गये थे। इन दोनों सीटों पर बीएसपी ने सपा प्रत्याशियों को समर्थन दिया था व दोनों ही स्थान उन्हें कामयाबी मिली थी। उसके बाद कैराना लोकसभा उपचुनाव में रालोद उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने सपा के प्रत्यक्ष व बीएसपी के परोक्ष योगदान से जीत हासिल की थी।