राशन कार्ड के दायरे में आने वाले लोग जान ले ये पूरी बात, हुआ ये बड़ा बदलाव

यह सुधार ऐसी प्रवासी आबादी को खाद्य सुरक्षा में स्वावलम्बी बनाकर सशक्त करता है जोकि अपने निवास में लगातार बदलाव करती रहती है जैसे कि श्रमिक, दैनिक वेतनभोगी, शहरी गरीब जैसे कि बेघरबार, कचरा बीनने वाले, संगठित और असंगठित क्षेत्रों के अस्थायी श्रमिक।

 

प्रौद्योगिकी संचालित इस सुधार से प्रवासी लाभार्थी देश में कहीं भी इलेक्ट्रानिक विक्रय की सुविधा ई-पीओएस से युक्त उचित मूल्य की दुकानों से अपनी पात्रता का खाद्यान्न ले सकते हैं।

इस सुधार ने राज्योंको भी बेहतर तरीके से लाभार्थियों को लक्षित करने, फर्जी/डुप्लीकेट/अपात्र कार्ड धारकों को हटाने में समर्थ बनाया है, जिसके परिणामस्वरूप योजना अधिक फलदायी हुई है और अपात्र लोगोंको लाभ मिलना बंद हुआ है।

इसके अतिरिक्त राशन कार्ड के अंतर-राज्यीय उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सभी उचित मूल्य दुकानों में ई-पीओएस उपकरणों को लगाकर उनके आटोमेशन के माध्यम से सभी राशन कार्डों को आधार से जोड़ना और लाभार्थियों का बायोमीट्रिक सत्यापन किया जाना अनिवार्य है।

आंध्र प्रदेश: 2,525 करोड़ रुपए गोवा: 223 करोड़ रुपए  गुजरात: 4,352 करोड़ रुपए  हरियाणा: 2,146 करोड़ रुपए  कर्नाटक: 4,509 करोड़ रुपए केरल: 2,261 करोड़ रुपए मध्य प्रदेश: 2,373 करोड़ रुपए राजस्थान: 2,731 करोड़ रुपए तमिलनाडु: 4,813 करोड़ रुपए  तेलंगाना: 2,508 करोड़ रुपए त्रिपुरा: 148 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश: 4,851 करोड़ रुपए

एक देश, एक राशन व्यवस्था नागरिकों पर केन्द्रित महत्वपूर्ण सुधार है। इसके क्रियान्वयन से लाभार्थियों विशेषकर प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत देश भर में किसी भी राशन कार्ड की दुकान पर राशन की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाती है।

राजस्थान एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड के दायरे में आने वाला 12वां राज्य बन गया है। वित्त मंत्रालय की ओर से बताया गया कि उसने इस दायरे में आ जाने के बाद राजस्थान को 2,731 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दी है।

इससे पहले आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश वन नेशन, वन राशन कार्ड के दायरे में आ चुके हैं।

मंत्रालय ने कहा कि एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड प्रणाली का सुधार पूरा होने पर इन 12 राज्यों को व्यय विभाग द्वारा 33,440 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधार जुटाने की अनुमति दी गई है।