लकवा के मरीजो को इस मालिश से रहेना होगा सावधान

लकवा मरीजों के बेहतर उपचार में दवाओं के साथ फिजियोथेरेपी की अहम किरदार है. फिजियोथेरेपी से मरीज के बेजान अंगों में जान फूंकी जा सकती है. यह जानकारी दुनिया फिजियोथेरेपी जागरूकता हफ्ते के तहत आयोजित सेमिनार में दिल्ली एम्स में फिजियोथेरेपी विभाग के प्रभात रंजन ने दी.

इंदिरानगर में रविवार को न्यूरो फिजियोथेरेपी शिविर लगा.इसमें फिजियोथेरेपिस्ट प्रभात रंजन ने बोला कि लकवा की चपेट में कोई भी आ सकता है. पहले अधिक आयु के लोग इस बीमारी की चपेट में आते थे. अब बेढंगी जीवनशैली और खान-पान से लकवा की आसार बढ़ गई है.

तेल मालिश से बचें लकवा के मरीज : लकवा में हाथ औरपैर का भाग बेजान होने कि सम्भावना है. ठीक समय पर दवाओं से लकवा पर काबू पाया जा सकता है.फिजियोथेरेपिस्ट संतोष कुमार ने बोला कि लकवा के मरीजों को किसी भी प्रकार की ऑयल मालिश से बचना चाहिए.आकांक्षा उपाध्याय ने बताया कि रविवार को प्रातः काल आठ बजे से नि?शुल्क न्यूरो फिजियोथेरेपी शिविर लगाया गया.इसमें 45 मरीजों ने पैरालिसिस सम्बन्धित कारण एवं समाधान के लिए पंजीकरण कराया.

लोहिया अस्पताल में संस्थान के दो विभागो की ओपीडी चलेगी-
लोहिया अस्पताल में संस्थान के दो विभागों की ओपीडी चलेगी लखनऊ: लोहिया संस्थान में संचालित हड्ढी मेडिसिन विभाग की ओपीडी विलय के बाद लोहिया अस्पताल में चलेगी. अस्पताल के न्यू ब्लॉक में मेडिसिन हड्डी रोग विभाग शिफ्ट किया जाएगा. संस्थान में इन विभागों के पास अपने वार्ड नहीं थे. लिहाजा मरीजों की भर्ती भी नहीं हो पा रही थी. लोहिया संस्थान में अस्पताल का विलय हो रहा है. 20 सितम्बर तक विलय की प्रक्रिया प्रारम्भहोगी. संस्थान के निदेशक डाक्टर एके त्रिपाठी ने बताया कि मेडिसिन  हड्डी रोग विभाग की ओपीडी अस्पताल परिसर में चार मंजिला भवन के भूतल में चलेगी. 12 डॉक्टरों के केबिन बना दिए गए हैं. प्लास्टर भी इसी भवन में होगा.