लंबी बीमारी के बाद अरुण जेटली का AIIMS में हुआ निधन, भाजपा में दौड़ी शोक की लहर

पूर्व वित्त मंत्री  भाजपा (BJP) के वरिष्‍ठ नेता अरुण जेटली (Arun Jaitley) का शनिवार को दिल्‍ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में लंबी बीमारी के बाद दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर निधन हो गया अरुण जेटली को कुछ दिन पहले ही सांस लेने में दिक्‍कत के कारण AIIMS में भर्ती कराया गया था पिछले कुछ दिनों से उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही थी बता दें कि जेटली बहुत ज्यादा समय से एक के बाद एक बीमारी से लड़ रहे थे इसी के चलते उन्‍होंने लोकसभा चुनाव, 2019 में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने का आग्रह किया था

मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने के लिए लिखा था पत्र
जेटली ने लेटर में लिखा था कि 18 महीने से मेरा स्‍वास्‍थ्‍य बेकार चल रहा है मैंने चुनाव प्रचार की सभी जिम्‍मेदारियों को निभाया अब अपनी स्वास्थ्य  उपचार पर ध्‍यान देना चाहता हूं दरअसल, उन्‍हें अप्रैल, 2017 में एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां वह डायलसिस पर थे इसके बाद 14 मई, 2018 को दिल्ली के एम्स में उनका किडनी ट्रांसप्‍लांट हुआउनकी गैरमौजूदगी में रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय की अलावा जिम्मेदारी सौंपी गई थी इसके बाद जेटली ने 23 अगस्त, 2018 को फिर वित्त मंत्रालय की जिम्‍मेदारी संभाल ली

किडनी ट्रांसप्‍लांट के बाद हुआ सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा
किडनी ट्रांसप्लांट के बाद अरुण जेटली को बाएं पैर में रेयर कैंसर (सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा) हो गया उन्‍हें इसके ट्रीटमेंट के लिए जनवरी, 2019 में अमेरिका जाना पड़ा, जहां इसकी सर्जरी की गई इसके बाद उनकी कुछ तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिसमें वह बहुत ज्यादा निर्बल दिख रहे थे दरअसल, भाजपा से राज्‍यसभा सदस्‍य स्‍वप्‍न दास गुप्‍त ने कैंसर का उपचार कराकर लौटे अरुण जेटली से मुलाकात की इस दौरान उन्‍होंने जेटली को अपनी किताब भी दी मुलाकात के बाद किए ट्वीट में स्‍वप्‍न दास गुप्‍त ने एक तस्‍वीर शेयर की जेटली की यही तस्‍वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई  उनकी स्वास्थ्य को लेकर कयासबाजी प्रारम्भ हो गई इसके बाद वह लोकसभा चुनाव, 2019 के प्रचार अभियान में सार्वजनिक मंचों पर भी नजर नहीं आए

ट्यूमर के रूप में विकसित होता है यह रेयर कैंसर

सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा रेयर कैंसर है यह तब होता है, जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती हैं यह कोशिकाओं में ट्यूमर के रूप में विकसित होता है  शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगता है यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है, खासकर कंधों  पैरों को अधिक प्रभावित करती है सर्जरी के जरिये इसे निकाला जा सकता है इसके अलावाा रेडिएशन  कीमोथेरेपी के जरिये भी इसका उपचार संभव है, लेकिन यह साइज, प्रकार  स्थान पर निर्भर करता है

हो चुकी थी गैस्ट्रिक बाईपास  हार्ट सर्जरी
सितंबर, 2014 में डायबिटीज मैनेज करने के लिए जेटली की गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी की गई थी वहीं, 2005 में उनका दिल से जुड़ा ऑपरेशन भी किया गया था पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) जेटली से मिलने के लिए शुक्रवार रात एम्स पहुंचे थे मोदी-शाह के अतिरिक्त स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डाक्टर हर्षवर्धन, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला भी उनका हालचाल जानने एम्स गए थे