मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों की 15 दिनों में जिला स्तर पर समीक्षा करने के भी निर्देश दिए है. उन्होंने कहा है कि कोविड काल के दौरान की कार्य की भरपाई करने के लिए और मेहनत की आवश्यकता है.
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि राज्य योजना एवं जिला योजना में विभागों में मनरेगा के तहत आसानी से हो सकने वाले कार्यों को मनरेगा से कराने में प्राथमिकता दी जाए जिससे राज्य एवं जिला योजना की धनराशि का किसी अन्य कार्य में सदुपयोग किया जा सके.
मनरेगा जॉब कार्ड धारकों को अभी तक केंद्र सरकार द्वारा साल में 100 दिन का रोजगार अनिवार्य रूप से दिया जाता है और इसके लिए प्रति जॉब कार्ड धारक परिवार के हिसाब से राशि उपलब्ध करवाई जाती है.
इस साल अभी तक 18 हजार परिवार 100 दिन का रोजगार पूरा कर चुके हैं और यदि इन्हें 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराया जाता है तो कुल अतिरिक्त खर्च 18.09 करोड़ रुपये का वहन राज्य सरकार करेगी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हाल ही में कहा है कि राज्य में जल्द ही मनरेगा के कार्यदिवसों की अवधि 100 से बढाकर 150 कर दी जाएगी.
प्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक में उत्तराखंड आजीविका ऐप की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा है कि मनरेगा के बढे कार्यदिवसों के लिए जरूरी धनराशि की व्यवस्था राज्य फंड से की जायेगी.