रूस ने युद्धपोतों के निर्माण के समझौते पर किये हस्ताक्षर

अमेरिका की पाबंदियों की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए हिंदुस्तान  रूस ने मंगलवार को इंडियन नौसेना के लिए दो मिसाइल युद्धपोतों के निर्माण के समझौते पर हस्ताक्षर किए यह सौदा 50 लाख डॉलर का होगा दोनों युद्धपोतों का निर्माण गोवा में किया जाएगा इसके साथ ही दोनों राष्ट्रों ने उच्चस्तरीय रक्षा योगदान जारी रखने के स्पष्ट इशारादिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत डिजाइन समेत पूरा योगदान रूस करेगा इस डिफेंस डील के बाद भारत-रूस के संबंध  पुख्ता होंगे

अधिकारियों ने बोला कि रक्षा एरिया की पीएसयू गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल)  रूस की सरकारी रक्षा निर्माता रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के बीच तलवार श्रेणी के दो युद्धपोतों के निर्माण के लिए करार किया गया यह समझौता रक्षा योगदान के लिए गवर्नमेंट से गवर्नमेंट के बीच रूपरेखा के तहत किया गया

डिजाइन  टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेगा रूस 
इस सौदे के तहत रूस हिंदुस्तान में युद्धपोतों के निर्माण के लिए जीएसएल को डिजाइन, टेक्नोलॉजी  कुछ सामग्री प्रदान करेगा जहाजों में अत्याधुनिक मिसाइलें  अन्य शस्त्र प्रणालियां लगी होंगी जीएसएल के सीएमडी शेखर मित्तल ने बताया, “हमने गोवा में दो युद्धपोतों के निर्माण के लिए रूस के साथ 50 करोड़ डॉलर के समझौते को अंतिम रूप दिया है”  उन्होंने बताया कि युद्धपोतों का निर्माण 2020 में प्रारम्भ होगा  पहला जहाज 2026 में जलावतरण के लिए तैयार होगा, वहीं दूसरा 2027 तक तैयार होगा

रेडार की पकड़ में नहीं आएंगे युद्धपोत
रूस जिन दो युद्धपोतों को बनाने के लिए हिंदुस्तान को मदद दे रहा है, उनमें कई खूबियां होंगी बोला जा रहा है कि स्टील्थ एयरक्राफ्ट की तरह ये दोनों युद्धपोत सोनार  रेडार की पकड़ में नहीं आएंगे इससे शत्रु के इलाके में मिशन को पूरा करने में बहुत ज्यादा मदद मिलेगी ये युद्धपोत आधुनिक मिसाइल  दूसरे हथियारों से लैस होंगे

छह हफ्ते पहले ही हिंदुस्तान ने की थी एक  डील
हिंदुस्तान ने इससे पहले, रूस के साथ S-400 एयर डिफेंस सिस्टम्स खरीदने के लिए सौदा किया था यह सौदा करीब 5 अरब डॉलर यानी 40 हजार करोड़ रुपए का है S-400 डिफेंस सिस्टम की पांच रेजिमेंट्स हिंदुस्तान को बेचेगा यह डिफेंस सिस्टम हिंदुस्तान को 2020 में मिलेगा, जिससे राष्ट्र की वायुसेना को मजबूती मिलेगी बताते चलें कि ट्रंप प्रशासन ने कई रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रखा है अमेरिका ने बोला है कि जो राष्ट्र रूस की डिफेंस कंपनियों के साथ डील करेंगे, उन्हें भी CAATSA कानून के तहत प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है हालांकि हिंदुस्तान को उम्मीद है कि अमेरिका उसे छूट देगा