राहुल ने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह सोच गलत है। इसका भाजपा को नुकसान होगा। आज भी देश की 60फीसदी आबादी खेती-किसानी से संबन्धित है।
वह ही इस देश की निर्णायक शक्ति है। संसद में तब राहुल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री अगर यह समझते हैं कि इसका उन्हें चुनाव में फायदा होगा तो यह पूरी तरह गलत है। देश के चंद पूंजीपतियों को ताकतवर मानना ठीक नहीं है। इसका उन्हें नुकसान होगा।
राहुल ने तब संसद में यह भी कहा कि किसानों को बर्बाद करने के लिए मोदी सरकार अपनी नीतियां तैयार कर रही है। इसके बाद अध्यादेश लाकर किसानों के विकास के रास्ते बंद कर दिए जाएंगे। किसानों को बर्बाद करने से मोदी सरकार को कुछ नहीं मिलने वाला है।
इसका जवाब रविवार को राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर अपने बयान से दिया है। उन्होंने लोकसभा में 2015 का अपना भाषण अंश जारी किया है जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कह रहे हैं कि वह राजनीतिक नुकसान वाला काम न करें। किसानों का साथ दें इससे उन्हें राजनीतिक फायदा होगा और कांग्रेस को नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ी गलती कर रहे हैं। किसानों के विरोध में नीतियां बना रहे हैं। वह समझते हैं कि यह देश चंद पूंजीपतियों के हाथों में है और उनकी मर्जी से चलता है।
भाजपा की ओर से पिछले दिनों राहुल गांधी का 2015 में संसद में दिए भाषण का अंश जारी कर दावा किया गया कि राहुल गांधी ने सरकार से जो पहले मांग रखी थी अब उसे सरकार ने पूरा किया है तो विरोध कर रहे हैं।
इस वीडियो में राहुल गांधी ने किसानों को बिचौलियों और दलालों के चंगुल से निकालने की बात कही थी। भाजपा नेताओं ने इस बात पर राहुल का मजाक बनाया कि वह अपनी कही बात पर ही स्थिर नहीं हैं।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि अब भी वक्त है वह पूंजीपतियों का साथ छोड़कर किसानों के साथ आ जाएं। उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों का साथ देने से उन्हें राजनीतिक नुकसान होगा जबकि किसानों के साथ आने से फायदा होगा।