राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा – जनता के लिए भी घातक ये कानून, जानिए कैसे…

चक्का जाम के तहत देश में राष्ट्रीय और राज्य हाईवे पर यातायात रोका जाएगा। मोर्चा के डॉक्टर दर्शन पाल की ओर से चक्का जाम को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। 3 घंटे के चक्का जाम में दोपहर 3:00 बजे वाहनों के हॉर्न 1 मिनट तक बजाए जाएंगे, इसके बाद जाम समाप्त कर दिया जाएगा।

चक्काजाम के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना ना हो इसके लिए दिल्ली पुलिस ने चाक चौबंद तैयारी की है। रेलवे व मेट्रो भी पूरी तरह से सतर्क है। आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली मेट्रो के प्रभावित स्टेशनों में प्रवेश और निकासी द्वार को बंद किया जा सकता है।

बता दें कि किसान यूनियनों द्वारा शनिवार को आहूत राष्ट्रव्यापी’चक्का जाम’के दौरान पंजाब और हरियाणा में नए केन्द्रीय कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कई जगह सड़कें अवरुद्ध कर दीं। राजस्थान के गंगानगर, हनुमानगढ़, धौलपुर व झालावाड़ सहित अनेक जगह पर किसानों द्वारा चक्काजाम के समाचार हैं जहां किसान मुख्य सड़कों या राजमार्गों पर धरने पर बैठे हैं।

इससे पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। इसके साथ ही राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देश और घर, दोनों का बजट बिगाड़ दिया है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर लिखा, ‘मोदी सरकार ने बजट बिगाड़ दिया- देश और घर, दोनों का!’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, ‘अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में है- ये तीन कानून सिर्फ किसान-मजदूर के लिए ही नहीं, जनता व देश के लिए भी घातक हैं। पूर्ण समर्थन!’ गौरतलब है कि किसान संगठनों ने आज ‘चक्का जाम’ का आह्वान किया है। इससे पहले किसान नेताओं ने सोमवार को कहा था कि वे छह फरवरी की दोपहर 12 बजे से अपराह्र तीन बजे तक सड़कों को अवरुद्ध करेंगे।

नए कृषि कानूनों (Farm Laws) का विरोध कर रहे किसानों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। इस बार किसान संगठनों ने आज राष्ट्रव्यापी चक्का जाम (Chakka Jam) का आह्वान किया है।

हालांकि दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा। किसानों ने दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक ये चक्का जाम बुलाया है। इस बीच कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) ने किसान संगठनों के ‘चक्का जाम’ का समर्थन किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं का सत्याग्रह देश हित में है और तीनों कृषि कानून राष्ट्र के लिए घातक हैं।