राष्ट्रपति बनने जा रहे जो बाइडेन ने किया ये बड़ा एलान, जानकर ट्रंप भी हुए हैरान

बाइडेन ने कहा- संकट बड़ा और रास्ता मुश्किल है। अब हम और वक्त बर्बाद नहीं कर सकते। जो करना है वो, फौरन करना है। बाइडेन चाहते हैं कि 100 दिन में करीब 10 करोड़ अमेरिकी नागरिकों को वैक्सीनेट किया जाए।

वे बेरोजगारी भत्ता 300 डॉलर से बढ़ाकर 400 डॉलर हर महीने करना चाहते हैं। स्कूल फिर खोलने के लिए 130 अरब डॉलर खर्च किए जाने की योजना है।

415 अरब डॉलर :कोरोना के खिलाफ जंग पर खर्च किए जाएंगे। 440 अरब डॉलर : स्मॉल स्केल बिजनेस (छोटे कारोबारों) की हालत सुधारने पर खर्च होंगे। हर एलिजिबल अमेरिकी के अकाउंट में 1400 डॉलर​ ​ट्रांसफर होंगे।प्रति घंटे के हिसाब से कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन (मिनिमम वेज) 15 डॉलर ​​​दिया जाएगा। पहले यह 7 डॉलर था।

बिल्कुल आ सकती है। नवंबर-दिसंबर में जब ट्रम्प राहत पैकेज लेकर आए थे तब, बाइडेन और उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी ने कई सवाल उठाए थे। सीनेट में अब भी रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। वो आपत्ति जता सकते हैं। दूसरी बात, पैकेज में डिफेंस सेक्टर के लिए अलग से कोई ऐलान नहीं किया गया है। इस पर आपत्ति हो सकती है।

पैकेज को अमेरिकी संसद के दोनों सदनों से पास कराना होगा। मोटे तौर पर देखें तो पैकेज लागू होने के बाद हर अमेरिकी के खाते में 1400 डॉलर आएंगे। इस पैकेज में छोटे कारोबारियों को भी राहत दी गई है। पैकेज को अमेरिकन रेस्क्यू प्लान नाम दिया गया है।

बाइडेन के पैकेज का सिर्फ एक मकसद है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जाए। पैकेज में जिस तरह फंड अलॉकेट करने का प्रपोजल है, उससे साफ हो जाता है कि कारोबार, शिक्षा और हर अमेरिकी को राहत देने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही वैक्सीनेशन पर भी फोकस किया गया है।

20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति बनने जा रहे जो बाइडेन ने अपना सबसे अहम चुनावी वादा निभाने का ऐलान कर दिया। बाइडेन ने कोरोना की वजह से गंभीर रूप से प्रभावित हुई अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 1.9 ट्रिलियन डॉलर के राहत पैकेज का ऐलान किया। इसको कुछ हिस्सों में बांटा गया है।