रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान पर मप्र सरकार ने आयोजन किया ये…

भारत की पहली स्वतंत्रता संग्राम की आदर्श वीरांगन रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस 18 जून को होने वाले मेले को लेकर पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया की अध्यक्षता वाली आयोजन समिति और प्रदेश सरकार आमने-सामने आ गई है.

दरअसल, इस वर्ष रानी की समाधि पर दो आयोजन हो रहे हैं. पहला आयोजन सरकार की तरफ से जिला प्रशासन ने सोमवार को सांस्कृतिक संध्या के रूप में किया गया.

बता दें कि पिछले 20 वर्षों से लगातार यहां बलिदान मेले का आयोजन किया जा रहा है. इस वर्ष भी 18 जून मंगलवार को आयोजन किया जाएगा. परंपरानुसार समिति के आयोजन के तहत सोमवार को झांसी से आई शहीद ज्योति यात्रा की पूर्व मंत्री जयभान सिंह ने अगवानी की. मुख्य समारोह में 18 जून को एथलीट डॉ सुनीता गोदारा को वीरांगना सम्मान दिया जाएगा. इस आयोजन में बीजेपी के वरिष्ठ नेता रामलाल  पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को आमंत्रित किया गया है. सम्मान समारोह के बाद अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा.

ऐसे प्रारम्भ हुई वीरगति पर सियासत

पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया सन 2000 से निरंतर बलिदान मेले का आयोजन करते आ रहे हैं. यह समिति का 20वां आयोजन है. दो दिवसीय मेला रानी लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पर लगाया जाता है. बलिदान मेला में वीरांगना सम्मान दिया जाता है. पिछले पांच साल से यह सम्मान प्रदेश सरकार का संस्कृति मंत्रालय दे रहा है. मेला के आयोजन में नगर निगम भी सहभागी रहता है.

आयोजन समिति ने इस बार वीरांगना सम्मान 18 जून को एशियन मैराथन चैंपियन डॉ सुनीता गोदारा को दिए जाने की घोषणा की. बस बात यही से बिगड़ गई. छह माह पहले पवैया को हराकर प्रदेश सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पवैया के सम्मान संबंधी घोषणा के बाद बोला – चूंकि सम्मान प्रदेश सरकार देती है इसलिए वहीं तय करेगी कि सम्मान किसे देना है. इसके साथ ही उन्होंने अफसरों के साथ बलिदान मेला स्थल का निरीक्षण कर लिया. इसके बाद बलिदान मेला को लेकर सरकार और समिति आमने-सामने आ गए.

बलिदान मेला की अनुमति को लेकर हुआ विवाद

सबसे पहले बलिदान मेला के आयोजन की अनुमति को लेकर टकराव हुआ. शुक्रवार रात को आयोजन समिति को बलिदान मेला समाधि स्थल पर आयोजित करने की अनुमति नहीं मिली थी, क्योंकि प्रदेश सरकार भी आयोजन करना चाहती थी. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बीच का रास्ता निकालते हुए पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया को दो दिन की बजाए 18 जून को आयोजन, समिति का वीरांगना सम्मान, नाट्य मंचन और कवि सम्मेलन कराने के लिए राजी कर लिया.

समिति को 17 जून को केवल ज्योति यात्रा समाधि स्थल तक लाने की अनुमति दी गई. जिला प्रशासन और नगर निगम के संयुक्त तत्वाधान में बलिदान मेले के पहले दिन सोमवार को सुहासिनी जोशी की सांस्कृति संध्या का आयोजन किया. इसके मुख्य मेहमान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर थे. उन्होंने घोषणा की कि अगले वर्ष से सरकार तीन दिवसीय मेले का आयोजन करेगी.