राजस्थान में चुनाव के नतीजों के बाद ट्वीट करके कांग्रेस के नेताओं को विजय माल्या दी बधाई

देश को हजारों करोड़ रुपए का चूना लगाकर फरार बिजनेसमैन विजय माल्या ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव के नतीजों के बाद ट्वीट करके कांग्रेस के नेताओं को बधाई दी है। लेकिन उनकी इस बधाई ने के बाद कांग्रेस के भीतर हलचल बढ़ गई है। दरअसल माल्या ने ट्वीट में लिखा है कि युवा चैंपियन सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया को बहुत-बहुत बधाई। दरअसल मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की जीत के बाद से लगातार प्रदेश में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है। ऐसे में विजय माल्या के ट्वीट ने कांग्रेस की मुश्किल को और भी बढ़ा दिया है।

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खड़े होने लगे हैं सवाल

विजय माल्या ने एक लाइन का ट्वीट करके लिखा है कि युवा चैंपिय सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया को बहुत-बहुत बधाई।माल्या ने दोनों नेताओं को टैग भी किया है। ऐसे में जिस तरह से माल्या का यह ट्वीट सामने आया है उसके बाद इस बात पर सवाल खड़ा होने लगा है कि क्या माल्या कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही उठापटक से वाकिफ हैं और उन्हें इस बात की जानकारी है कि प्रदेश में किसे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।

पायलट-सिंधिया जीत में अहम

सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों ने दिग्गज नेता अशोक गहलोत और कमलनाथ के साथ मिलकर प्रदेश में पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाई है, ऐसे में माना जा रहा था कि दोनों ही ही प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे हैं। ये चारो नेता दिल्ली रवाना हो रहे हैं जहां राहुल गांधी इस बात पर अंतिम मुहर लगाएंगे कि प्रदेश की कमान किसे सौंपी जानी है। दोनों ही राज्यों की स्टेट यूनिट ने अपना मत देने के बाद इस बात का अंतिम फैसला राहुल गांधी पर छोड़ दिया है कि वह किसे प्रदेश का मुख्यमंत्री नियुक्त करते हैं।

माल्या को लाया जाएगा भारत

आपको बता दें कि पूर्व सांसद विजय माल्या को पहली बार कांग्रेस की मदद से ही राज्यसभा में प्रवेश मिला था और वह सांसद बने थे। ऐसे में जिस तरह से माल्या ने ट्वीट किया है उसके बाद सवाल खड़ा होने लगा है कि क्या माल्या को इस बात की जानकारी है कि प्रदेश में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। माल्या के खिलाफ हाल ही में यूके की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उन्हें भारत प्रत्यर्पित किए जाने का आदेश दिया है। माल्या के पास कोर्ट के फैसले के खिलाफ 14 दिन के भीतर उपरी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का समय है।