राजस्थान में गुर्जरों ने आरक्षण की अपनी मांग को लेकर शुरू किया आंदोलन

राजस्थान में गुर्जरों ने आरक्षण की अपनी मांग को लेकर शुक्रवार को फिर से अपना आंदोलन शुरू कर दिया. इसके तहत गुर्जर नेता किरौड़ी सिंह बैंसला शुक्रवार शाम अपने समर्थकों के साथ सवाई माधोपुर में रेलपटरी पर बैठ गए. इससे सवाई माधोपुर बयाना खंड पर कुछ रेलगाड़ियां प्रभावित हुई हैं. इस बीच, राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है जो गुर्जर नेताओं से बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास करेगी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुर्जर आंदोलन की वजह से राजस्थान के सवाई माधोपुर और बयाना जंक्शन रेल सेक्शन के बीच रेल यातायात बुरी तरह से प्रभावित है. वहीं, दिल्ली से मुंबई रूट पर चलने वाली 22 ट्रेनें भी इस आंदोलन की वजह से प्रभावित हुई हैं. इस स्थिति को देखते हुए वहां दो ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और 20 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है. रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर(0744-2467153, 0744-2467149) जारी किया है.

बता दें कि गुर्जर नेताओं ने शुक्रवार को मलारना डूंगर (सवाई माधोपुर) के पास चौहानपुरा मकसूदनपुरा में महापंचायत की. इसके बाद बैंसला अपने समर्थकों के साथ मलारना डूंगर के पास दिल्ली-मुंबई रेल लाइन पर बैठ गए. पटरी पर बैठने के बाद बैंसला ने मीडिया से कहा कि यह आर-पार की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अपने वादे पर खरा उतरना चाहिए. उन्होंने कहा, हालात बदल गए हैं, इस बार हम चूकेंगे नहीं.

14 साल से हो रही है मांग
गुर्जर नेता अपनी मांग के समर्थन में रेल व सड़क मार्गों को अवरुद्ध करने की चेतावनी दे चुके हैं. राज्य में गुर्जरों का आंदोलन का मुद्दा 14 साल से चल रहा है. गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गडरिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है. इस समय अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जर को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है.

गहलोत ने की शांति की अपील
सूत्रों ने बताया कि आंदोलन शुरू होते ही सक्रिय हुई सरकार ने मंत्रियों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. इसमें चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह व समाज कल्याण मंत्री भंवर लाल मेघवाल को शामिल किया गया है। इसमें कुछ आला अधिकारियों को भी शामिल किया गया है. समिति आंदोलनकारियों से बातचीत कर समाधान निकालने की कोशिश करेगी. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी.