रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए गठित की गई तीन सदस्यीय जांच

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) के खिलाफ यौन उत्पीड़न (sexual harassment) के आरोपों की जांच के लिए गठित की गई तीन सदस्यीय जांच समिति से जस्टिस रमन ने अपना नाम वापस ले लिया था, अब उनकी जगह इस कमेटी में जस्टिस इंदु मल्होत्रा को शामिल किया गया है। इस प्रकार इस कमेटी में अब दो महिला जज हो गई हैं।

बार एंड बेंच डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीजेआई गोगोई पर आरोप लगाने वाली महिला ने दावा किया था कि जस्टिस रमन गोगोई के करीबी हैं। ऐसे में वो जांच को प्रभावित कर सकते हैं। इस आपत्ति के बाद जस्टिस रमन ने पैनल से अपना नाम वापस ले लिया था।

इसके पहले, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विभागीय जांच के आदेश देते हुए तीन सीटिंग जज- जस्टिस एस ए बोबड़े, एन वी रमन और इंदिरा बनर्जी की सदस्यता वाली समिति का गठन किया था। इस पैनल ने सीजेआई के खिलाफ आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी को नोटिस जारी किया है। अब 26 अप्रैल को जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी वाली तीन सदस्यीय कमेटी इसपर सुनवाई करेगी।

इस मामले में शुक्रवार को पहली सुनवाई होगी और शीर्ष अदालत के जनरल सेक्रेटरी को भी सभी दस्तावेजों के साथ तैयार रहने के लिए कहा गया है। जस्टिस बोबडे ने बताया कि ये एक इन-हाउस सुनवाई होगी जिसमें किसी पक्ष के प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थिति की जरूरत नहीं, ये सामान्य सुनवाई नहीं है।

उन्होंने स्पष्ट किया था कि इस जांच के पूरी होने की कोई निश्चित समय सीमा नहीं है और आगे की कार्रवाई जांच पर आधारित होगी। जांच की प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीय होंगे। बता दें कि सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच के महिला के आरोपों पर सुनवाई के बाद सवाल उठने लगे थे, जिसके बाद जस्टिस बोबडे के नेतृत्व में तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया गया था।