योग करने से हाई ब्लडप्रेशर का खतरा हो जाता है कम

ब्लड प्रेशर की बीमारी जिनको एक बार हो जाती है उनके लिए उसे कंट्रोल करना मुश्किल होता है लेकिन जो लोग हाईपरटेंशन के मरीज बनने वाले हैं अर्थात उनका ब्लड प्रेशर खतरे के निशान पर है तो वो हाईपरटेंशन के पेशेंट बनने से बच सकते हैं।

अभी तक आपने यह सुना होगा की लाइफस्टाइल अर्थात जीवनशैली में बदलाव व व्यायाम से हाई ब्लड प्रेशर से बचा जा सकता है लेकिन एक नये तरह के शोध में ये बात सामने आयी है कि जीवनशैली में बदलाव और व्यायाम की तुलना में योग ज्यादा कारगर है।

सर गंगाराम अस्पताल में होने वाली स्टडी में यह पाया गया कि जो लोग हाई बीपी के शिकार होने वाले थे उन पर लाइफस्टाइल बदलने से कहीं ज्यादा नियमित रूप से योग करने का ज्यादा फायदा देखा गया है।

प्री-हाइपरटेंशन क्या है 

सामान्यतया 120/80 ब्लड प्रेशर को नॉर्मल माना जाता है लेकिन जब किसी भी इंसान का ऊपर वाला बीपी यानि कि सिस्टॉलिक 120 से 139 के आस-पार रहने लगता है तो इसे प्रि-हाइपरटेंशन की स्थिति मानी जाती है। अगर इस स्थिति को संभाला न जाय तो हाई ब्लड प्रेशर कुछ समय के बाद हो जाता है। हाई बीपी के मरीजों को ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट स्ट्रोक का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

योग करने वालों का बीपी पर असर

गंगाराम अस्पताल में प्री-हाइपरटेंशन के 120 मरीजों को 2 ग्रुप में बांटकर स्टडी की गई। जिन मरीजों ने नियमित रूप से योगासन किया, उनका बीपी 4 mmHg तक कम हो गया।

सिर्फ खानपान और लाइफस्टाइल में सुधार करने वालों के बीपी में कोई कमी नहीं आई।

योग के ये आसन हैं ज्यादा फायदेमंद

स्टडी के दौरान लोगों को वॉर्मअप के बाद सूर्य नमस्कार, वज्रासन, ताड़ासन, शशकासन आदि कराया गया। फिर प्राणायाम में अनुलोम विलोम करवाया। आराम के लिए कायोत्सर्ग बताया गया।

मेडिटेशन के लिए प्रेक्षा ध्यान की ट्रेनिंग दी गई। यह सब छह महीने कराने पर मरीजों को काफी फायदा हुआ। स्टडी के बाद पता चला कि हाई बीपी के मरीजों में खानपान और स्मोकिंग की आदतों में बदलाव योग जितना असरदार नहीं था।