योगी सरकार ने शुरू किया ये आया मिशन, महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर!

यह कार्यक्रम नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित एवं UP राज्य ग्रामीण मंत्रालय आईआईटी मुम्बई एवं एनर्जी एफिशियन्सी सर्विस लिमिटेड द्वारा में संचालित किया जा रहा है। राज्य के 30 जनपदों में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 34 लाख सोलर कैम्पस का निर्माण कराकर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया जा रहा है।

इस कार्य से समूहों की महिलाओं को लगभग 10 करोड़ रूपये की आय होगी। एक हजार से अधिक समूहों की महिलाओं को लैम्प बनाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वर्तमान में 27.99 लाख सोलर स्टडी लैम्प बनाकर दिए जा चुके हैं। इससे सात करोड़ रुपए की आय हुई है। जिसमें 4000 से अधिक परिवार इससे लाभान्वित हो चुके हैं।

ग्रामीण क्षेत्र में घर के दरवाजे पर वित्तीय समावेशन गतिविधि के माध्यम से वित्तीय लेन-देन एवं विभिन्न योजनाओं से ग्रामवासियों को लाभान्वित करने एवं प्रोत्साहित करने की दिशा में राज्य की 58000 ग्राम पंचायतों में विभिन्न बैंकों के माध्यम से तैनात किया जा रहा है।

इस विशेष परियोजना को मिशन द्वारा ईडीआई अहमदाबाद एवं कुटुम्बश्री केरल की साझेदारी से चलाया जा रहा है। इसमें राज्य के नौ जनपदों के नौ विकास खण्डों में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को उद्यमिता हेतु वित्तीय एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक इस कार्यक्रम में 5377 से अधिक महिला उद्यमियों को लाभान्वित किया जा चुका है।

महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना के अन्तर्गत राज्य के महिला किसानों के सतत कृषि पद्धति एवं गुणात्मक पशुपालन का प्रशिक्षण दिलाया गया। 22 जनपदों के 25 विकास खण्डों में 107814 महिला किसानों को खेती पशुपालन का प्रशिक्षण दिलाया गया। डेयरी वैल्यू चैन (दुग्ध मूल्य श्रृंखला) के अंतर्गत बुन्देलखण्ड क्षेत्र में दुग्ध बेचने हेतु महिलाओं की प्रोड्यूसर कम्पनी का गठन किया गया है।

बुन्देलखण्ड के इन्टेन्सिव जनपदों के 600 ग्रामों में एनडीएस के सहयोग से डेयरी परियोजना के अन्तर्गत 3600 स्वयं सहायता समूहों की 48000 महिलाओं को ‘बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी’ वैल्यू चैन के रूप में विभिन्न चरणों में संगठित किया जा रहा है।

अब तक 7000 से अधिक समूहोें की महिला सदस्यों के साथ कार्य किया जा रहा है। 21 हजार किलोग्राम दुग्ध का संग्रह प्रतिदिन बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। इससे महिला समूहों का आर्थिक लाभ हो रहा है।

वर्तमान में राज्य में कुल 371777 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। 15945 ग्राम संगठनों एवं 775 संकुल स्तरीय संघों से आच्छादित किया गया है। अब तक कुल 241732 स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फण्ड, 141709 समूहों को सामुदायिक निवेश निधि एवं 116133 समूहों को बैंक क्रेडिट लिंकेज द्वारा आच्छादित किया जा चुका है।

राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा मई 2020 मे इस वर्ष के 31938 पात्र स्वयं सहायता समूहों को 218.49 करोड़ रूपये की धनराशि का ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया। राज्य सरकार की मंशा है कि राज्य के एक करोड़ चार लाख ग्रामीण संगठन एवं तीन हजार संकुल स्तरीय संगठनों में संगठित कर आर्थिक विकास किया जाए। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा ग्रामीण परिवेश की महिलाओं के जीविकोपार्जन हेतु विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

जिस तरह एक महिला के शिक्षित होने पर दो परिवार शिक्षित होते हेैं, उसी प्रकार एक महिला के आर्थिक रूप से मजबूत होने पर पूरे परिवार को आर्थिक सम्बल मिलता है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की है।

उनमें UP राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रमुख है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि राज्य में रह रहे ग्रामीण गरीब परिवारों की कम से कम एक महिला सदस्य को समूह एवं अन्य सामुदायिक संस्था के माध्यम से संगठित कर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।

राज्य सरकार की योजनाओं से महिलाएं आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बन रही है। राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण की दिशा में विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रम संचालित कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।