योगी सरकार ने आजम खां को दिया ये बड़ा झटका, छीन लिया ये…

कोर्ट ने एसडीएम सदर को आदेश के अनुपालन के लिए कहा है. वर्ष 2005 में शासनादेश के तहत साढ़े बारह एकड़ से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति सरकार ने प्रदान की थी. शासनादेश में जो शर्तें थीं.

 

उसमें एक शर्त यह भी थी कि शासनादेश की किसी शर्त का उलंघन किया जाता है तो यह भूमि राज्य सरकार (State government) में निहित मानी जाएगी. एसडीएम की जांच में शासनादेश में दी गई शर्तों का उल्लंघन पाया गया.

करीब साल भर पहले डीएम के आदेश पर एसडीएम सदर ने जौहर ट्रस्ट की इस जमीन की जांच की, जिसमें पाया गया कि जौहर ट्रस्ट ने जौहर विवि के लिए खरीदी 70.005 हेक्टेयर जमीन में शासन की शर्तों का उल्लंघन किया है.

जिसके बाद एडीएम कोर्ट में वाद दायर कराया गया. जौहर ट्रस्ट की ओर से उनके अधिवक्ता ने दलील दी थी कि आरोप निराधार हैं. जबकि, डीजीसी रेवेन्यु ने एसडीएम की जांच को कोर्ट में सही करार दिया था.

दोनों पक्षों को सुनने के बाद शनिवार (Saturday) को इस मामले में एडीएम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. जिसमें जौहर ट्रस्ट की 70.005 हेक्टेयर जमीन सरकार में निहित करने का आदेश दिया गया है.

जौहर ट्रस्ट के नाम पर 2005 से लेकर अब तक लगभग 75.0563 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई थी. मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार की कैबिनेट के फैसले में जौहर ट्रस्ट द्वारा खरीदे जाने वाली जमीन पर स्टांप शुल्क से छूट दी गई थी.

ट्रस्ट के नाम पर जो 70.005 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई उसके लिए स्टांप शुल्क का भुगतान नहीं किया गया. कैबिनेट से जो प्रस्ताव पास हुआ था उसमें शर्त थी कि ट्रस्ट की ओर से लोकहित से जुड़े कार्य कराने होंगे. अल्पसंख्यक, गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देनी होगी.

सपा सांसद (Member of parliament) मोहम्मद आजम खां के जौहर ट्रस्ट द्वारा जौहर यूनिवर्सिटी के लिए खरीदी गई करीब 70 हेक्टेयर जमीन शासनादेश के उल्लंघन की जद में आ गई है.

एडीएम (प्रशासन) जगदंबा प्रसाद गुप्ता की कोर्ट ने जौहर विवि की यह जमीन राज्य सरकार (State government) में निहित करने का फैसला सुनाया है. साथ ही एसडीएम सदर को जमीन पर कब्जा लेकर इसे इंद्राज कराने का आदेश दिया है.