मुस्लिम लड़कियों की एजुकेशन को प्रोत्साहित करने के लिए ‘पढ़ो–बढ़ो’ अभियान चलाया जाएगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पढ़ाई-लिखाई के लिए पैसा मिलेगा कैसे? कौन इसके पात्र होंगे व कौन नहीं। हर स्कीम में सरकार की कुछ शर्तें होती हैं। ऐसी ही शर्तें इसके लिए भी रखी गईं हैं। उसे आपको हम बता रहे हैं।
मैट्रिक पूर्व स्कॉलरशिप योजना: यह स्कॉलरशिप सरकारी व मान्यता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 10वीं में पढ़ रहे अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। कम से कम 30 प्रतिशत स्कॉलरशिप छात्राओं के लिए तय है। इसके हकदार वे स्टूडेंट होते हैं जिनके अभिभावक की इनकम सालाना 1.00 लाख रु। से अधिक न हो। स्टूडेंट ने पिछली कक्षा में कम से कम 50 प्रतिशत नंबर हासिल किए हों।
मैट्रिकोत्तर स्कॉलरशिप योजना: यह स्कॉलरशिप सरकारी व मान्यता प्राप्त स्कूलों, कॉलेजों में कक्षा 11वीं से पीएचडी स्तर तक पढ़ रहे अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को दी जाती है।न्यूनतम 30 प्रतिशत स्कॉलरशिप लड़कियों के लिए तय है। इसका फायदा उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलेगा जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2.00 लाख रुपये से अधिक न हो। साथ ही स्टूडेंट ने पिछली क्लास में कम से कम 50 परसेंट नंबर हासिल किए हों।
मेरिट-सह-साधन आधारित स्कॉलरशिप योजना: यह स्कॉलरशिप मान्यता प्राप्त संस्थानों में ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर व्यावसायिक व तकनीकी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के लिए दी जाती है। इसमें भी 30 प्रतिशत छात्राओं के लिए निर्धारित है। इस स्कीम में व्यावसायिक व तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए 85 संस्थान लिस्टेड हैं। जिनके लिए पाठ्यक्रम का पूरा खर्च दिया जाता है। इसका फायदा वही स्टूडेंट ले सकते हैं जिनके अभिभावक की सालाना आय 2.50 लाख रुपये तक हो। साथ ही स्टूडेंट ने पिछली क्लास में कम से कम 50 परसेंट अंक प्राप्त किए हों।
मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति योजना: यह स्कॉलरशिप नियमित व पूर्णकालिक एम। फिल व पीएचडी पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर रहे शोध विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। मान्यता प्राप्त सभी विश्वविद्यालयों व संस्थानों में पढ़ाई करने वाले इसका फायदा उठा सकते हैं। इसमें भी 30 प्रतिशत लड़कियों के लिए तय है। उसी स्टूडेंट को इसका फायदामिलेगा जिनके अभिभावक की वार्षिक आय 6.00 लाख रुपये से अधिक नहीं होगी।