मोतियाबिंद आँखों में होने वाली बीमारी है जिससे हमे दिखना बंद हो जाता है। यह आँखों की काली पुतलियों में सफ़ेद मोती जैसा बिंदु उत्पन्न होता है। जब आंखों की पुतलियों पर नीले रंग का पानी से जमा होने लगता व धीरे-धीरे आखों की पुतलियों को ढ़कने लगता है।
इससे आदमी की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है व बाद में पूरी तरह से आंखों की रोशनी चली जाती है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे डायबिटीज होना, आंख पर चोट लगना, आंखों पर घाव बनना। आज हम आपको इसे बचने के तरीके बता रहे हैं।
इसके लिए आप मछली व अंडों में आवश्यक फैटी एसिड मौजूद होते हैं जो हमारी आँखों के लिए लाभदायक होता है। विटामिन ए व विटामिन सी के सप्लीमेंट्स लें, पर इन सप्लीमेंट्स की उचित मात्रा व खुराक लेने के लिए पहले चिकित्सक से संपर्क ज़रूर करें। इसके अतिरिक्त विटामिन ई आँखों की कोशिकाओं की रक्षा करता है।
बता दें, बीज व नट्स में विटामिन ई भरे होते हैं। बादाम, सूरजमुखी के बीज, अखरोट व पिस्ता आँखों को देने वाले पोषण तत्वों का जरूरी स्त्रोत हैं। मोतियाबिंद से बचने व आँखों की रौशनी तेज करने लिए रोजाना गाजर, संतरे, दूध व घी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें।
हल्दी में करक्युमिन नामक रसायन होता है जो रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है व साइटोकाइन्स तथा एंजाइम्स को नियंत्रित करता है। इसलिए हल्दी का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए।
6 बादाम की गिरी व 6 दाने साबुत काली मिर्च पीसकर मिश्री के साथ प्रातः काल पानी के साथ लेने पर भी मोतियाबिंद में फायदा मिलता है।
एक बूंद प्याज का रस व एक बूंद शहद मिलाकर इसे काजल की तरह प्रतिदिन आंख में लगाएं। आँखों की समस्या शीघ्र ही दूर होगी।
1 चम्मच त्रिफला चूर्ण, आधा चम्मच देसी घी व 1 चम्मच शहद को मिला लें। इसे रोज प्रातः काल खाली पेट ले। इससे मोतियाबिंद के साथ-साथ आंखों की कई दूसरी बीमारियों से भी बचाव होता है।