मुख़्तार अंसारी को लेकर पंजाब और यूपी सरकार में टकराव, मच सकता बवाल

शीर्ष अदालत में 8 फरवरी को मामले में अगली सुनवाई होगी. अंसारी पर यूपी में 14 आपराधिक केस हैं. यूपी अदालत ने अंसारी के पेशी के लिए 26 प्रोडक्शन वारंट जारी किए हैं.

लेकिन जेल प्रशासन ने दावा किया है कि 10 वारंट उन्हें मिले ही नहीं. इससे पहले यूपी अदालत के सामने पेशी वाले दिन पंजबा के मेडिकल बोर्ड और डॉक्टरों ने अंसारी को बेड रेस्ट की सलाह दे दी थी.

जेल अधीक्षक के जरिए दाखिल किए गए हल्फमामे में कहा गया है कि अंसारी कथित तौर पर उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अवसाद, पीठ दर्द और त्वचा की एलर्जी से जूझ रहा है.

यूपी सरकार की याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए पंजाब सरकार ने कहा है कि वह डॉक्टर्स की राय के मुताबिक ही काम कर रही है. पंजाब सरकार ने कहा कि अंसारी को यूपी की पकड़ से दूर रखने के लिए कोई पूर्वकल्पित साजिश नहीं है.

हलफनामे में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार की रिट याचिका विचार करने योग्य नहीं है, क्योंकि पंजाब में अंसारी को हिरासत में रखे जाने को यूपी अपने मौलिक अधिकार के उल्लंघन का दावा नहीं कर सकती.

पंजाब सरकार ने रूपनगर जेल में बंद MLA व माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को फिलहाल यूपी सरकार के हवाले करने से इनकार किया है. शीर्ष अदालत में हलफनामा दाखिल कर पंजाब सरकार ने मुख्तार अंसारी को यूपी सरकार की हिरासत में देने से मना कर दिया है. पंजाब सरकार ने अंसारी के स्वास्थ्य को इसकी वजह बताया है.