कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी कार्यसमिति की मीटिंग में इस बात पर नाराज़गी ज़ाहिर की है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने पार्टी संगठन से ज़्यादा अपने अपने पुत्र वैभव के प्रचार को ज्यादा तवज्जो दी।
इसके बाद पार्टी में कलह व तेज़ हो गई, जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने सफाई देते हुए बोला कि चुनावी माहौल के दौरान उन्होंने अपने बेटे वैभव के प्रचार के लिए थोड़ा ही समय दिया था। वही अशोक गहलोत के करीबी लोगों ने जन सभाओं व रैलियों को लेकर दस्तावेश पेश किए। साथ ही दावा करते हुए बोला कि मुख्यमंत्री गहलोत ने सारेप्रदेश में कुल 104 जन सभाएं व रैलियां की थीं, जिनमें सिर्फ 11 उनके बेटे के समर्थन में थीं।
गहलोत पर लगा पुत्र वैभव को ज्यादा तवज्जो देने का आरोप
बता दें कि पार्टी का एक वर्ग सीएम गहलोत पर निशाना साधे हुए है। आरोप है कि गहलोत ने अपने पुत्र वैभव के चुनाव क्षेत्र जोधपुर को अधिक समय दिया व इससे पार्टी को नुक़सान हुआ, जिस कारण प्रदेश में आम चुनाव में पार्टी को भारी खामियाजा भुगतना पड़ा। दरअसल लोकसभा चुनाव में राजस्थान में भाजपा ने सभी सीटों पर अतिक्रमण जमाया है। वहीं प्रदेश में कांग्रेस का क्लीन स्वीप हो गया है। बता दें कि छले वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से सत्ता छीन ली थी।
राहुल ने बेकार प्रदर्शन के लिए नेताओं पर फोड़ा पराजय का ठीकरा
गौरतलब है कि चुनाव नतीजों के बाद दिल्ली में कांग्रेस पार्टी वर्किंग कमेटी की मीटिंग हुई थी, जिसमें राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी के ढीले प्रदर्शन के लिए ऐसे नेताओं पर पराजय का ठीकरा फोड़ा था, जिन्होंने चुनाव में पार्टी के बजाय बेटों व संबंधियों पर ध्यान दिया, हालांकि राहुल ने इस दौरान किसी भी नेता का नाम नहीं लिया था।
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