मुंबई आतंकी हमले की 10वीं बरसी पर आज फिर देश के हर एक नागरिक के जहन में उस काली रात की तस्वीरें घूम रही हैं। ये वो दिन है जिसे भूलकर भी नहीं भूलाया जा सकता, जैसा की सभी जानते हैं पाकिस्तान के 10 सशस्त्र आतंकवादियों ने 26 नवंबर, 2008 को समुद्र के रास्ते से मुंबई में घुसकर जमकर तबाही मचाई और लश्कर-ए-तैयबा के 10 खूंखार आतंकियों ने छह अमेरिकियों समेत 166 लोगों की जान ले ली।
भारत तो इन आतंकवादियों की तलाश कर ही रहा है , आज 26/11 की दसवीं बरसी पर अमेरिका भी भारत के साथ खड़ा नजर आ रहा है। खबरों के अनुसार ट्रंप प्रशासन ने 2008 के मुंबई हमले में शामिल किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी या उसकी दोषसिद्धि के लिए सूचना देने वालों को 50 लाख डॉलर यानि (35 करोड़ रुपए से अधिक) के इनाम देने की घोषणा की है। गौरतलब है कि मुंबई हमले के 10 साल बीत जाने के बाद भी हमले में शामिल अपराधियों को न्याय के दायरे में नहीं लाया गया है।
खबरों के अनुसार, विदेश मंत्रालय के रिवार्ड्स फॉर जस्टिस प्रोग्राम ने कहा कि वह मुंबई हमले को जिसने भी अंजाम दिया, उसकी साजिश रची, उसे अंजाम देने में सहायता की या उसे उकसाया उसकी गिरफ्तारी या किसी देश में दोषसिद्धि के लिए सूचना देने वालों को 50 लाख डॉलर तक का इनाम देने की घोषणा करता है। उसने कहा, अमेरिका 2008 के मुंबई हमले के लिए जो भी जिम्मेदार है उसकी पहचान करने और उसे न्याय के दायरे में लाने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।