मीटिंग के बाद मोदी सरकार ऐसे तोड़ेगी पाकिस्तान की कमर

 जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत के तेवर काफी तल्ख हैं। पुलवामा हमले के बाद आज सुबह प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय सुरक्ष कमेटी की बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में जहां देश की सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया एजेंसियों को और मजबूत करने का फैसला किया गया। वहीं आतंकियों के साथ-साथ पाकिस्तान को सबक सिखाने की रणनीति पर भी चर्चा हुई। बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल शामिल हुए। इस बैठक में आगे की कार्रवाई पर चर्चा की गई। बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को किसी भी सूरत नहीं बख्सा जाएगा और उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी।

इस बैठक में पाकिस्‍तान को दुनिया में अलग-थलग करने और आर्थिक मोर्चे पर घेरने रणनीति पर भी चर्चा हुई। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का स्टेटस वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी MFN का दर्जा वापस लिया है और इस बारे में वाणिज्य मंत्रालय आगे की प्रक्रिया अपनाएगा। हालांकि जानकारों का कहना है कि पाकिस्‍तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीने से आर्थिक तौर पर उसे कोई खास नुकसान नहीं होगा। लेकिन, इससे पाकिस्‍तान के साथ-साथ दुनिया को सख्‍त संदेश जाएगा कि भारत आतंकवाद पर कठोर कदम अपना रहा है। आपको बता दें कि मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का मतलब होता है कि हम आपके साथ जितना संबंध रखेंगे, उतना किसी और देश के साथ नहीं रखेंगे। विश्‍व व्‍यापार संगठन के सदस्‍य के तौर पर हर देश को एक-दूसरे को मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देना होता है। भारत ने 1996 में पाकिस्‍तान को मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था।

आपको बात दें कि गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में अबतक 44 जवान शहीद हो गए। जबकि कई जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। शहीदों एक मेजर भी शामिल है। आतंकियों ने ये हमला CRPF की 76 बटालियन की बसों पर किया।  हमले के वक्त 2547 जवान 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इसी दौरान जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी कार से उनकी बस में टक्कर मार दी। धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए। करीब 10 किलोमीटर तक धमाके की आवाज सुनाई दी। सितंबर 2016 में उरी में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर में यह सुरक्षाबलों पर यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है। उरी में 18 सितंबर 2016 में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर में यह सुरक्षाबलों पर यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। उरी हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे। श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर स्थित अवंतिपोरा इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाया। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। बताया जा रहा है कि आदिल अहमद डार नाम के आतंकी ने इस काफिले पर हमले की साजिश रची थी। विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी लेकर आए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल ने सीआरपीएफ जवानों के काफिले की बस में टक्कर मार दी। आत्मघाती हमलावर आदिल 2018 में जैश में शामिल हुआ था।