रोचक नतीजों के साथ बसपा ने भाजपा के सामने कई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों के परिणाम आने के बाद 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस पार्टी को बीएसपी समर्थन देगी। खुद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह ऐलान किया। राज्य में बीएसपी को दो सीटों पर जीत हासिल हुई है।
भगवान के आशीर्वाद से प्रारम्भ हुआ चुनाव प्रचार रंग लाया व राज्य में भाजपा की परास्त किया। मध्य प्रदेश में भाजपा को वोट फीसदी ज्यादा रहा है, लेकिन सीटों की संख्या कम होने की वजह से व पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की वजह से शिवपाल सिंह ने जनता का निर्णय स्वीकार किया है। विधानसभा चुनाव के दौरान की मंदिर-मंदिर घूमने की रणनीति निर्णायक साबित हुई। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ने मध्यप्रदेश चुनाव प्रचार के दौरान तीन मंदिरों के दौरे किए व इन दौरे में कांग्रेस पार्टी के उन सीटों पर जीत हासिल की, जिसमें भाजपा जीत का हुंकार भरी थी।
MP इन तीन मंदिरों किए दर्शन
राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में अपने चुनाव प्रचार की आरंभ ओंकारेश्वर मंदिर के दर्शन के साथ की थी। इसके बाद वो दतिया में पीताम्बरा पीठ के दर्शन करने भी पहुंचे थे। राहुल गांधी ने उज्जैन में महाकाल का भी आशीर्वाद लिया था।
ओंकारेश्वर मंदिर से किया चुनावी शंखनाद
राहुल गांधी ओंकारेश्वर मंदिर से मध्य प्रदेश में चुनावी शंखनाद किया। श्रद्धा भाव के साथ-साथ इसे लेकर एरिया में किवदंतियां भी सुनाई पड़ती हैं। बोला जाता है कि ओंकारेश्वर के पास से गुजरे लेकिन, दर्शन करने नहीं पहुंचे तो कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। शायद इसी किवदंतियों के कारण कांग्रेस पार्टी ने भी शिव शंकर के आशीर्वाद लेकर चुनावी संग्रम में गोता लगाया है।
मां पीताम्बरा देवी पर है गांधी परिवार की असीम श्रद्धा
इसके बाद वो 15 अक्टूबर को उन्होंने मध्य प्रदेश के चंबल-ग्वालियर दौरे की आरंभ दतिया में मां पीताम्बरा देवी के मंदिर में दर्शन व माथा टेककर किया। गांधी परिवार का मां पीताम्बरा देवी के मंदिर से पुराना व गहरा नाता है। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी मां पीताम्बरा देवी का तीन बार दर्शन करने गई थी। पहली बार आपातकाल के बाद 1979 में, दूसरी बार 1980 में चुनाव के पहले उन्होंने जाकर माथा टेका था। इसके बाद उन्होंने चुनाव जीतने व पीएम बनने के बाद दर्शन करने गई थी। राहुल गांधी के पिता भी मां पीताम्बरा देवी के दर पर आकर माथा टेक चुके हैं। 1985 में राजीव गांधी पीएम बनने के बाद यहां आए थे। राहुल गांधी परिवार के तीसरे सदस्य हैं, जिन्होंने मां पीताम्बरा देवी का आशीष लेकर चुनाव में विजय हासिल की।
बाबा महाकाल का लिया आशीष
कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने उज्जैन में महाकाल का भी आशीर्वाद लिया था। राहुल गांधी ने 29 अक्टूबर को प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की व इसी के साथ ही राजनीतिक तौर पर अहम माने जाने वाले मालवा-निमाड़ एरिया के अपने दो दिवसीय चुनावी दौरे की आरंभ की। गांधी ने मंत्रोच्चार के बीच ऐतिहासिक महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सफेद धोती पहनकर ज्योतिर्लिंग की पूजा अर्चना की। प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ व प्रदेश कांग्रेस पार्टी चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मंदिर में मौजूद थे। इससे पहले वह वर्ष 2010 में यहां आए थे, जबकि कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के तौर पर वह पहली बार महाकालेश्वर मंदिर आए थे।