मांगे न पूरी होने पर किसान अलग-अलग राज्यों में करेंगे ये , फैलाने की तैयारी…

किसान संगठनों का दावा है कि सरकार की ओर से आंदोलन को तोड़ने की कोशिशें की जा रही हैं. टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा सरकार द्वारा सीसीटीवी कैमरे भी लगाने की बात कही है. किसान संगठनों ने कहा है कि अब वो अपनी ओर से ही अलग-अलग प्रदर्शनस्थलों पर इंटरनेट की सुविधा का प्रबंध कर रहे हैं.

 

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ सड़क से संसद तक संग्राम हो रहा है. किसानों का आंदोलन करीब 80 दिनों से जारी है, तो वहीं बजट सत्र में संसद में भी बवाल हो रहा है.

पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के दोनों सदनों में अपने संबोधन में कृषि कानून के फायदे बताए, साथ ही विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगा दिया. तो गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के नुकसान गिना दिए.

किसान नेता दर्शन पाल के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 12 फरवरी, हरियाणा के बहादुरगढ़ में 13 फरवरी, राजस्थान के श्रीगंगानगर में 18 फरवरी, राजस्थान के ही हनुमानगढ़ में 19 फरवरी और सीकर में 23 फरवरी को महापंचायत का आयोजन किया जाएगा.

अलग-अलग राज्यों में किसान महापंचायत करने का ये ऐलान तब हुआ है, जब हाल ही में किसान नेताओं ने एक बार फिर 18 फरवरी को रेल रोको अभियान की बात कही है. गौरतलब है कि इससे पहले भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर साफ किया कि जबतक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे, वो लोग अपने आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे. साथ ही एमएसपी पर कानून भी बनना चाहिए.

संयुक्त किसान मोर्चा की कोशिश है कि अब राज्यवार तरीके से किसान महापंचायत का आयोजन किया जाए, ताकि हर राज्य के लोग इस आंदोलन से जुड़ सकें और उनकी बात पहुंच सके.

कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने अब अपनी लड़ाई को और भी व्यापक करने का फैसला लिया है. दिल्ली की सीमाओं पर पहले ही करीब 80 दिनों से आंदोलनकर्ता सड़क पर बैठे हैं, लेकिन अब देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा. किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार को इस बात का ऐलान किया है.