महिलाएं इन खास फूड आइट्म्स को अपनी डाइट में करें शामिल

डाइट में न्यूट्रीशस फूड आइटम्स रेग्युलर शामिल किए जाएं तो कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स से दूर रहा जा सकता है। इनको हर एज ग्रुप की महिलाएं अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। जानिए, ऐसे ही कुछ खास फूड आइटम्स के बारे में।

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महिलाओं में हर उम्र के साथ बहुत से शारीरिक बदलाव आते हैं। इस वजह से उम्र के हर पड़ाव पर उनकी आहार की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। पीरियड्स, प्रेग्नेंसी, मेनोपॉज के फेज में उन्हें ज्यादा पोषण की जरूरत होती है।

इस स्थिति में कुछ फूड आइटम्स ऐसे हैं, जो हर उम्र में उनके पोषण की जरूरतों को पूरा करते हैं। इनका नियमित सेवन करने से बहुत लाभ होता है।

1.खजूर

खजूर आयरन, पोटैशियम का अच्छा सोर्स है। साथ ही इससे महिलाओं में लैक्टेशन इंप्रूव होता है, जिससे बच्चे को फीडिंग कराने में समस्या नहीं आती हैं, क्योंकि दूध उचित मात्रा में बनता है। रोजाना दो या तीन खजूर खाने से महिलाओं में फर्टिलिटी भी इंप्रूव होती है।

2.तिल

तिल चाहे सफेद हों, लाल हों या काला, यह महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद होता है। चाहे इसे लड्डू के रूप में खाएं, कच्चा खाएं या फिर सब्जी में डालकर खाएं। इसमें आयरन और फॉलिक एसिड भरपूर होता है, जो महिलाओं को एनीमिया की समस्या से बचाता है।

साथ ही इनमें मौजूद नायसिन, बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल घटाकर हार्ट अटैक के खतरे से भी बचाता है। तिल में मौजूद कैल्शियम और जिंक हड्डियों का घनत्व बढ़ाते हैं और प्री या पोस्ट मेनोपॉज के दौर में ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचाव करते हैं।

3.पपीता

स्लिम और फिट रहने की चाह भला किस महिला को नहीं होती है। रोजाना एक बाउल पपीता खाने से पतला होना संभव है। दरअसल, इसमें मौजूद फाइबर्स पेट जल्दी भरने का अहसास देते हैं और इससे एक्सट्रा फैट भी बर्न होता है।

पीरियड्स के दर्द को भी यह बहुत हद तक कम करता है। एक शोध के मुताबिक पपीता युवा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का जोखिम भी कम करता है, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान पपीता कभी नहीं खाना चाहिए।

4.स्ट्रॉबेरी

क्वरसेटिन, ल्यूटिन, जिक्सैंथिन, इलैजिक एसिड, कींपफेरोल और एंथोसायनिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर स्ट्रॉबेरी खराब कोलेस्ट्रॉल का लेवल घटाकर हार्ट अटैक का जोखिम कम करती है और मध्य आयु वर्ग की महिलाओं में हार्ट को डैमेज होने से भी बचाती है।

इस फल में मौजूद बायोटिन, बालों और नाखूनों को भी मजबूती देता है। साथ ही इसमें अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड डेड स्किन को रिमूव करता है।

5.ब्रोकली

हर रोज आधा कप ब्रोकली कच्ची, उबालकर या शैलो फ्राई करके खाएं तो ब्रेस्ट, ओवेरियन और यूटेरिन कैंसर का जोखिम काफी हद तक कम होता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के मुताबिक ब्रोकली में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इसोथियो सायनेट शरीर से एक्सट्रा इस्ट्रोजन हार्मोन को निकाल देता है।

साथ ही इसमें मौजूद विटामिन सी, अमीनो एसिड और सल्फर शरीर के डिटॉक्सीफिकेशन में मददगार होता है। इतना ही नहीं इस गुणकारी सब्जी में ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है, जो कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम करता है।