यहां बता दें कि पुलिस ने जिस युवक को अरैस्ट किया था, वह माओवादियों को कारतूस सप्लाई करता था व उसके कई टॉप नक्सली कमांडरों से संबंध थे. इसके अतिरिक्त वह उड़ीसा और महाराष्ट्र में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल था. बता दें कि साल 1992 से कई नक्सली कमांडरों को वह कारतूस सप्लाई कर रहा था व आरोपी के कब्जे से इंसास औरएसएलआर जैसे हथियारों के 45 कारतूस बरामद हुए थे.
गौरतलब है कि इस समय राष्ट्र में कई स्थानों पर चुनाव होने हैं व इस तरह से हो रहे हमलों के कारण अब पुलिस भी संशय में पड़ गई है. वहीं बता दें कि दिल्ली पुलिस ने अजीत रे की गिरफ्तारी पर दो लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था. इसके अतिरिक्त बता दें कि आरोपी पैसे के लिए नहीं, बल्कि नक्सलवाद को बढ़ावा देने के लिए कारतूस की सप्लाई किया करता था.