महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव मामले में पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी में हस्तक्षेप

महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव मामले में पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी में हस्तक्षेप करने से सर्वोच्च न्यायालय के इंकार के बाद, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला किया और कहा कि इस ‘आदेश’ ने उनलोगों का पर्दाफाश कर दिया है, जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा का राजनीतिकरण करने की कोशिश की। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस से माफी की मांग की। शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, “जो राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे का राजनीतिकरण करने के हद तक गिर जाते हैं, उनका सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले से पर्दाफाश कर दिया है। यह समय है कि कांग्रेस शहरी नक्सलवाद जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करे।”

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उन्होंने कहा, “भारत बहस, चर्चा और विरोध की स्वस्थ्य संस्कृति के साथ जीवंत लोकतंत्र है। हमारे देश के नागरिकों को हानि पहुंचाने के उद्देश्य से देश के विरुद्ध साजिश रचना उनमें से एक नहीं है। जो इन मुद्दों का राजनीतिकरण करते हैं, उन्हें माफी मांगने की जरूरत है।”

शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मूर्खता की एक जगह है और वह कांग्रेस है।

शाह ने राहुल के 28 अगस्त के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा, “मूर्खता की केवल एक जगह है और इसे कांग्रेस कहा जाता है। ‘भारत के टुकड़े टुकड़े गैंग’, नक्सलियों, फर्जी समाजिक कार्यकर्ताओं और भ्रष्ट तत्वों का समर्थन। ईमानदार और काम करने वालों की निंदा करना। राहुल गांधी के कांग्रेस में आपका स्वागत है।”

पुणे में पिछले वर्ष दिसंबर में आयोजित यलगार परिषद के संबंध में पुणे पुलिस द्वारा पांच लोगों को गिरफ्तार करने के बाद राहुल ने आरएसएस पर सभी एनजीओ बंद करवाने, सभी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जेल भेजने और शिकायत करने वालों पर गोली चलाने का आरोप लगाया था।

राहुल ने ट्वीट कर कहा था, “भारत में केवल एक एनजीओ की जगह है और वह आरएसएस है। सभी एनजीओ को बंद करो, सभी कार्यकर्ताओं को जेल में डालो, जो शिकायत करते हैं उन्हें गोली मारो। नए भारत में आपका स्वागत है।”

इसबीच भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी राहुल पर निशाना साधते हुए कहा, “यह फैसला राहुल गांधी पर कलंक है, जो इन गिरफ्तार नक्सलियों के अगुवा बनते हैं।”

पात्रा ने कहा, “कांग्रेस और राहुल गांधी का कहना है कि इन गिरफ्तारियों के पीछे का उद्देश्य बदला लेना है, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि यह वह मामला नहीं है। कांग्रेस को बहुत मामलों में जवाब देना है। सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण से लेकर शहरी नक्सलियों का समर्थन और पाकिस्तानी सेना प्रमुख को गले लगाने के मामले में भी जवाब देना है।”