2019 की आरंभ होते ही तमाम राजनैतिक पार्टियों में लोकसभा चुनावों के लिए गठजोड़ की सुगबुगाहट तेज हो गई है। एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी असम में चुनावी रैली की आरंभ करने वाले हैं, तो दूसरी तरफ दिल्ली में गठजोड़ का फॉर्मूला तैयार कर रहे हैं। इसी बीच महाराष्ट्र में भाजपा व शिवसेना के साझेदारी की वार्ता दोबारा शुरु हो गई है। महाराष्ट्र गवर्नमेंट के कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने ऐलान किया है कि लोकसभा चुनावों में साझेदारी को लेकर शिवसेना व भाजपा के बीच वार्ता प्रारम्भ हो गई है।
जल्द हो साझेदारी का फैसला
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बोला कि वह चाहते हैं कि प्रदेश में जल्द ही शिवसेना व भाजपा के बीच साझेदारी का निर्णय जल्द हो।
कुछ खोकर नहीं होगा गठबंधन-शाह
भाजपा ने आने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के सांसदों की बैठक दिल्ली में बुलाई थी। इस बैठक में शिवसेना के साथ साझेदारी होगा या नहीं इस सवाल पर अमित शाह ने अपनी किरदार स्पष्ट कर दी है। उन्होंने साफ कहा, कुछ भी खोकर साझेदारी नहीं होगा। गुरुवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान अमित शाह ने शिवसेना ने सामने अपनी शर्त रख दी है।
2014 में साथ लड़ा था चुनाव
बता दें कि महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटे हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा व शिवसेना ने इन सभी सीटों पर साझेदारी कर चुनाव लड़ा था, जिसका लाभ दोनों ही पार्टियों को मिला था। बीजेपी को 22 व शिवसेना को 18 सीटें मिली थीं। विधानसभा चुनावों में सीटों की हिस्सेदारी तय नहीं होने के कारण दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। हालांकि, बाद में गवर्नमेंट बनाने के लिए दोनों दल एक हो गए। फिर भी केंद्र एवं राज्य में साथ होने के बावजूद दोनों दलों में मतभेद कायम हैं।