गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार उत्तराखंड की तरफ से एक ऐसी झांकी राजपथ पर नजर आएगी, जो अपने आप में ही एक अलग पहचान रखती है। ये झांकी एक ऐसी महान सख्शियत से जुड़ी है, जिन्होंने अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र की आजादी की जंग को न सिर्फ निर्णायक मोड़ पर पहुंचाया बल्कि, आजाद हिंदुस्तान के सपने को साकार करने के लिए अहिंसा का मार्ग अपनाया।
बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल है कौसानी
‘कौसानी’ देवभूमि उत्तराखंड में स्थित बेहद खूबसूरत और शांत पर्यटक स्थल है। इसे महात्मा गांधी ने ‘भारत का स्विट्जरलैंड’ बताया। ‘अनासक्ति आश्रम’ बहुत ही शांतिपूर्ण जगहहै। महात्मा गांधी ने साल 1929 में कौसानी का भ्रमण किया था और इसी जगह पर उन्होंने गीता पर आधारित अपनी प्रसिद्व पुस्तक ‘अनासक्ति योग’ की प्रस्तावना लिखी थी। इस आश्रम का संचालन गांधी स्मारक निधि द्वारा किया जाता है। आश्रम में रोजाना प्रातः काल और शाम प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है। आश्रम को पुस्तकालय, वाचनालय वप्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। इस आश्रम में गांधी दर्शन पर शोधकर्ताओं, दार्शनिकों एवं पर्यटकों के लिए ग्रन्थ भी उपलब्ध है।
महात्मा गांधी के ज़िंदगी दर्शन पर आधारित है झांकी
उत्तराखण्ड राज्य की झांकी के अग्रभाग में अनासक्ति योग लिखते हुए महात्मा गांधी की बड़ी आकृति को दिखाया गया है। मध्य भाग में कौसानी स्थित अनासक्ति आश्रम को दिखाया गया है और आश्रम के दोनों ओर पर्यटक योग और अध्ययन करते हुए नागरिकों और पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत को महात्मा गांधी से वार्ता करते हुए दिखाया गया है। झांकी के पृष्ठ भाग में देवदार के वृक्ष, लोकल नागरिकों और ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं को दिखाया गया है। साइड पैनल में उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत, जागेश्वर धाम, बद्रीनाथ तथा केदारनाथ मंदिर को दर्शाया गया है। उत्तराखण्ड राज्य की झांकी के टीम लीडर के एस चौहान ने के मुताबिक, देश इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है, इसलिए गणतंत्र दिवस के मौका पर राजपथ में भाग लेने वाली सभी झांकियों की थीम ‘महात्मा गांधी के ज़िंदगी दर्शन’ पर आधारित है।